नेता प्रतिपक्ष घोषित करने के लिए कांग्रेस के पास तीन दिन बचे, ये हो सकता है फॉर्मूला
कांग्रेस भी भाजपा की तरह फॉर्मूला अपनाते हुए आखिरी वक्त में नाम का ऐलान कर सकती है
पहले फॉर्मूले में भाजपा के ब्राह्मण सीएम चेहरे को देखते हुए ब्राह्मण चेहरों में राजेंद्र पारीक और हरिमोहन शर्मा के नाम चर्चाओं में हैं।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। राजस्थान विधानसभा सत्र 19 जनवरी से प्रस्तावित है। इसलिए कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष घोषित करने के लिए महज तीन ही दिन बचे हैं। विधानसभा सचिवालय ने भी कांग्रेस को 18 जनवरी तक नाम तय करने का आग्रह कर दिया है। नेताओं की गुटबाजी से पशोपेश में पड़ी कांग्रेस अगले दो या तीन दिन में कभी भी नाम का ऐलान कर सकती है। विधानसभा चुनाव के बाद 45 दिन में नेता प्रतिपक्ष का नाम घोषित करना होता है और सत्र को देखते हुए कांग्रेस के पास अब ज्यादा समय बचा नहीं है, लिहाजा पार्टी को नाम को लेकर अपने पत्ते जल्दी खोलने ही पड़ेंगे। नेता प्रतिपक्ष के साथ उपनेता प्रतिपक्ष, सचेतक जैसे पदों पर भी नामों का ऐलान होगा। वहीं कांग्रेस के अंदर बडेÞ नेताओं की गुटबाजी के चलते नाम अभी तक अटका हुआ है। गहलोत और पायलट गुट के अलावा दिल्ली के वरिष्ठ नेता अपने-अपने नामों को लेकर फिर से एक दूसरे के सामने खड़े हैं। नेता प्रतिपक्ष के लिए प्रमुख नामों में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, टीकाराम जूली, राजेंद्र पारीक, शांति धारीवाल, मुरारीलाल मीणा, हरिमोहन शर्मा जैसे नाम भी चर्चाओं में बने हुए हैं। गहलोत गुट की तरफ से महेंद्रजीत मालवीया का नाम प्रमुख है, लेकिन पायलट खेमा इस पर सहमत नहीं है। पूर्व मंत्री हरीश चौधरी की लॉबिंग एआईसीसी के कुछ नेता कर रहे हैं। वहीं पायलट खेमा भी हरीश चौधरी के नाम पर सहमत है। दोनों गुटों की तरफ से राजेंद्र पारीक, टीकाराम जूली, गोविंद डोटासरा, शांति धारीवाल, मुरारीलाल मीणा, हरिमोहन शर्मा जैसे नामों की अलग-अलग सिफारिशें भी की गई हैं।
आखिरी वक्त पर कर सकते हैं घोषणा
कांग्रेस भी भाजपा की तरह फॉर्मूला अपनाते हुए आखिरी वक्त में नाम का ऐलान कर सकती है। पहले फॉर्मूले में भाजपा के ब्राह्मण सीएम चेहरे को देखते हुए ब्राह्मण चेहरों में राजेंद्र पारीक और हरिमोहन शर्मा के नाम चर्चाओं में हैं। दूसरे फॉर्मूले में ओबीसी वर्ग या एससी वर्ग से और तीसरे फॉर्मूले में चौंकाने वाला फैसला करते हुए किसी महिला विधायक को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है, ताकि भाजपा को लोकसभा चुनाव में महिला आरक्षण मुद्दे पर टक्कर दी जा सके। एक अन्य फॉर्मूले में नेता प्रतिपक्ष और पीसीसी चीफ पद पर जातिगत समीकरण बिठाने के हिसाब से भी रणनीति बनाई जा रही है।
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