संघ नेता होसबले के बयान की पूर्व सीएम गहलोत ने की तीखी आलोचना : जूली-डोटासरा ने भी लिया आड़े हाथ, कहा- संविधान की मूल भावना को मिटाना चाहते ये लोग
लोकतांत्रिक व्यवस्था मंजूर नहीं है
दोनों की सोच हमेशा संविधान बदलने की रही है।’ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने लिखा- ‘ये लोग देश में संविधान को मिटाकर मनुस्मृति का मॉडल स्थापित करना चाहते हैं।
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता दत्तात्रेय होसबले के एक साक्षात्कार में संविधान से ‘समानता और धर्मनिरपेक्षता’ शब्द हटाए जाने वाले बयान की पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कड़े शब्दों में निंदा की है। कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘दिक्कत सिर्फ इन दो शब्दों तक सीमित नहीं है, ये लोग संविधान की मूल भावना को मिटाना चाहते हैं। इन्हें देश में संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था मंजूर नहीं है।
दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, वंचितों और शोषितों को मिले अधिकार स्वीकार नहीं है।’ गहलोत ने लिखा- ‘संविधान की रक्षक होने का नाटक कर रही भाजपा, आरएसएस की संविधान विरोधी सोच होसबले के संविधान बदलाव के बयान से उजागर होती है। दोनों की सोच हमेशा संविधान बदलने की रही है।’ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने लिखा- ‘ये लोग देश में संविधान को मिटाकर मनुस्मृति का मॉडल स्थापित करना चाहते हैं, जहां न तो सामाजिक न्याय है और न ही समानता। सिर्फ ऊंच-नीच, भेदभाव और जातिवाद का जहर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इनके नापाक इरादों से देश की जनता को बार-बार आगाह कर रहे हैं।

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