आईपीएल टिकट कालाबाजारी को लेकर मानवाधिकार आयोग ने लिया प्रसंज्ञान
राजस्थान रॉयल्स के पदाधिकारियों की भूमिका नहीं है
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि आईपीएल को अन्य प्रांतों के दर्शक भी देखते हैं, जो अपना समय और धन खर्च करने के बाद भी टिकट प्राप्त करने में विफल रहे हैं।
जयपुर। राज्य मानवाधिकार आयोग ने एसएमएस स्टेडियम में आईपीएल मैच के टिकटों की कालाबाजारी को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है। इसके साथ ही आयोग ने मामले में पुलिस कमिश्नर से 30 अप्रैल तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने यह आदेश इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट पर प्रसंज्ञान लेते हुए दिए। आयोग ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स के उपाध्यक्ष का दायित्व बनता है कि वे मैच के टिकटों को पारदर्शी रूप से व्यवस्थित प्रक्रिया से विक्रय करते, जिससे क्रिकेट का लुत्फ उठाने वाले वास्तविक दर्शकों को टिकट उपलब्ध हो पाती है।
आयोग ने कहा कि राजस्थान रॉयल्स के आयोजकों का दायित्व है कि जब वे राजस्थान शब्द का उपयोग अपनी टीम के लिए करते हैं तो इस बात का भी ध्यान रखें कि मैच के टिकटों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दर्शकों को उपलब्ध कराए। आयोग ने आईपीएल टिकट ब्लैक करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार करने का हवाला देते हुए कहा कि आरोपियों के पास कई टिकट बरामद हुई हैं, जो वे अधिक राशि में ब्लैक कर रहे थे। जबकि दूसरी ओर राजस्थान रॉयल्स के उपाध्यक्ष को इसकी जानकारी ही नहीं है कि टिकट किसे बेचे गए हैं।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि आईपीएल को अन्य प्रांतों के दर्शक भी देखते हैं, जो अपना समय और धन खर्च करने के बाद भी टिकट प्राप्त करने में विफल रहे हैं। यह इस बात को दिखाता है कि टिकटों को कालाबाजारी में बेचा गया है। यह गंभीर विषय है और प्रशासन को इस तथ्य की जांच करनी जरूरी है कि मैच के टिकट अवांछित तत्वों को किसने उपलब्ध कराए और इसमें राजस्थान रॉयल्स के पदाधिकारियों की भूमिका नहीं है।

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