दो दिन से भूखे टाइगर ने दौसा जिले को कहा अलविदा
भजेड़ा गांव के पास जानवर का शिकार किया
टाइगर की दहाड़ सुनकर परिवार के सभी लोग जाग तो गए लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। जिसके कारण किसी को कोई नुकसान नही हुआ।
बांदीकुई। दौसा जिले के बैजूपाड़ा थाना इलाके के मेहूखुर्द गांव में एक महिला सहित तीन लोगों पर हमला करने के बाद टाइगर गुरुवार सुबह अलवर जिले की सीमा में प्रवेश कर गया। टाइगर के पंजों के निशान के आधार पर कहा जा रहा है कि वो धीरे-धीरे सरिस्का वन क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। टाइगर गुरुवार सुबह करीब साढ़े चार बजे रैणी तहसील के करणपुरा गांव में गलियारे से होकर धौली देवी मीना के मकान में घुस गया था। उस समय परिवार के सदस्य सौ रहे थे व मवेशी भी अंदर बंधे हुए थे। टाइगर की दहाड़ सुनकर परिवार के सभी लोग जाग तो गए लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। जिसके कारण किसी को कोई नुकसान नही हुआ।
भजेड़ा गांव के पास जानवर का शिकार किया
बताया जा रहा है कि कुछ समय टाइगर करणपुरा गांव में रुकने के बाद सरसों के खेतों में होकर भजेड़ा गांव में सीमा में प्रवेश कर गया। दो दिन से भूख से परेशान टाइगर ने भजेड़ा गांव की सीमा में एक मवेशी को शिकार बनाया और उसे आधा खाकर अलवर जिले के सरिस्का की ओर बढ़ गया। करणपुरा और भजेड़ा गांव में टाइगर के पंजे के निशान स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। वन विभाग ने दो माह से सरिस्का वन क्षेत्र से गायब इस टाइगर की एसटी 2402 के रूप में पुष्टि की है।
ड्रोन की सहायता से तलाश, नहीं मिली सफलता
रणथम्भौर, सरिस्का व बांदीकुई के वनकर्मियों के सर्च अभियान के दौरान टाइगर के पंजों के निशान बांदीकुई के समीप गांव दुब्बी, बिवाई व अलवर जिले की करणपुरा गांव व भजेड़ा गांव की सीमा से आगे तक मिले हैं। टीम ने टाइगर की ड्रोन की सहायता से भी तलाश की लेकिन मेहूखुर्द, बिवाई, दुब्बी में वो कहीं भी नजर नहीं आया। टाइगर को पकड़ने के लिए वनवकर्मी पिंजरा लेकर पीछे पीछे चलते रहे।
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