राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में विद्यार्थी सफाई करने को मजबूर : बीवीए और एमवीए का कोर्स संचलित, 85 विद्यार्थी कर रहे पढ़ाई; पर्याप्त संख्या में फैकल्टी नहीं 

स्वयं-अध्ययन के माध्यम से पढ़ाई करने को मजबूर है

राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में विद्यार्थी सफाई करने को मजबूर : बीवीए और एमवीए का कोर्स संचलित, 85 विद्यार्थी कर रहे पढ़ाई; पर्याप्त संख्या में फैकल्टी नहीं 

महज दो-तीन गेस्ट फैकल्टी के सहारे ही शिक्षण कार्य चलाया जा रहा है। नियमित फैक्लटी नहीं होने के कारण कक्षाएं नियमित रूप से नहीं होती है और सिलेबस पूरा नहीं हो पाता है।

जयपुर। शिक्षा संकुल में स्थित राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट प्रदेश की प्रमुख कला संस्थाओं में से एक है। वर्तमान में संस्थान में तीन कोर्स संचलित है। संस्थान कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। मूर्तिकला विभाग में बैचलर ऑफ विजुअल आर्ट्स (बीवीए) और मास्टर ऑफ विजुअल आर्ट्स (एमवीए) का कोर्स संचलित है। दोनों पाठ्यक्रम को मिलाकर करीब 85 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। पाठ्यक्रम तो संचलित है लेकिन पढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में फैकल्टी उपलब्ध नहीं है। महज दो-तीन गेस्ट फैकल्टी के सहारे ही शिक्षण कार्य चलाया जा रहा है। नियमित फैक्लटी नहीं होने के कारण कक्षाएं नियमित रूप से नहीं होती है और सिलेबस पूरा नहीं हो पाता है। इसके कारण छात्र-छात्राएं इंटरनेट और स्वयं-अध्ययन के माध्यम से पढ़ाई करने को मजबूर है। 

बीवीए और एमवीए कोर्स में टेराकोटा, मेटल और स्टोन विषय तो है लेकिन पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं है। संस्थान में सफाई कर्मियों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को क्लासरूम की सफाई भी करनी पड़ती है। संस्थान में पढ़ने के लिए क्लासरूम की भी कमी है। प्रैक्टिकल की कक्षा में क्ले बनाने की मशीन खराब पड़ी हुई है। प्रैक्टिकल की कक्षा को देखर ऐसा प्रतित होता है कि यह कक्षा नहीं कबाड़ खाना है। प्रैक्टिकल की कक्षा में खराब पड़ी मशीनों को रखा गया है। जिसपर धूल की मोटी चादर चड़ी हुई है। विद्यार्थी ऐसे माहौल में काम सीखने को मजबूर है। 

हमारे यहां परमानेंट फैकल्टी नहीं है, हमें गेस्ट फैकल्टी से पढ़ना पड़ता है। संस्थान से टेराकोटा, सिरेमिक और ब्रॉज की भट् टी नहीं प्रदान की गई है। हम कक्षा में सही से नहीं सीख पाते है। संस्थान में पढ़ाई नहीं होने के कारण हमने संस्थान से बाहर स्टूडियो ज्वाइन कर रखा है। 
- श्रवण शर्मा, एमवीए, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट 

हमारे यहां हेल्पर की सख्त जरूरत है। हेल्पर नहीं होने के कारण कक्षा की सफाई हमें खुद से करनी पढ़ती है। शिक्षकों की कमी के कारण हमें इंटरनेट से पढ़ाई करनी पढ़ती है।  
- हिमांशु कुमार, बीवीए, राजस्थान स्कूल आॅफ आर्ट 

Read More सामाजिक बजट घोषणाओं पर काम शुरू : बैठक लेकर इंप्लीमेंटेशन पर बनाई कार्य योजना, मीना ने समयबद्ध एवं गुणवत्ता से दायित्व निभाने के दिए निर्देश

नई मशीनों और बर्नर की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही विद्यार्थियों को उपलब्ध करा दी जाएगी। परमानेंट फैकल्टी भी जल्द ही अप्वाइंट कर दिया जाएगा।  
-डॉ. अनिल कुमार खण्डेलवाल, प्रधानाचार्य, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट  

Read More गर्मी शुरु होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में फिर लगेगी आग : दमकलों की बढ़ जाती है भागदौड़, अधिकतर खेतों में नौलाई में लगती है आग

 

Read More किताबों के बोझ तले कीचड़ से गुजर रहे नौनिहाल : ग्रामीणों ने समस्या से संरपच को कराया अवगत, कीचड़ भरे रास्ते पर नहीं दिया कोई ध्यान

Tags: students

Post Comment

Comment List

Latest News

यूपी में शिक्षक भर्ती में हुआ बड़ा स्कैम : मामले की उच्च स्तरीय जांच जरूरी, आरक्षित वर्ग के युवाओं के साथ सरकार कर रही धोखा, कांगेस ने कहा- आवाज उठाने वाले छात्रों को सरकार ने कुचलने का काम किया यूपी में शिक्षक भर्ती में हुआ बड़ा स्कैम : मामले की उच्च स्तरीय जांच जरूरी, आरक्षित वर्ग के युवाओं के साथ सरकार कर रही धोखा, कांगेस ने कहा- आवाज उठाने वाले छात्रों को सरकार ने कुचलने का काम किया
शिक्षक भर्ती को बड़ा स्कैम बताया और कहा कि राज्य सरकार आरक्षित वर्ग के युवाओं के साथ धोखा कर रही...
सामाजिक बजट घोषणाओं पर काम शुरू : बैठक लेकर इंप्लीमेंटेशन पर बनाई कार्य योजना, मीना ने समयबद्ध एवं गुणवत्ता से दायित्व निभाने के दिए निर्देश
श्रीगंगानगर-जयपुर स्पेशल रेलसेवा का नूआं स्टेशन पर अस्थाई ठहराव की अवधि में विस्तार
बीएसी रिपोर्ट सदन में पेश : जोगेश्वर गर्ग ने रखा प्रस्ताव, 12 मार्च तक चलेगी विधानसभा; अनुदान मांगों पर होगी चर्चा 
बदलते समय में बदल रही तटरक्षक बलों की चुनौतियां : साइबर हमलों जैसी गैर पारंपरिक चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहे तटरक्षक बल, राजनाथ ने कहा-  पारंपरिक खतरों को दूर करने के लिए आप हमेशा रहते हैं चौकस 
सर्राफा बाजार में कीमती धातुओं में तेजी : चांदी 600 रुपए और सोना 200 रुपए महंगा, जानें कीमत
किताबों के बोझ तले कीचड़ से गुजर रहे नौनिहाल : ग्रामीणों ने समस्या से संरपच को कराया अवगत, कीचड़ भरे रास्ते पर नहीं दिया कोई ध्यान