कैंसर इलाज का प्रभावी टीका आने में अभी और लगेगा समय : डॉ. एलिसन
रेडियोथेरेपी के जरिए उपचार रहेगा जारी
सुरक्षात्मक उपायों, स्क्रीनिंग प्रोग्राम्स के जरिए और कैंसर होने पर शुरुआत में ही पहचान करने के लिए सभी को प्रयास करने चाहिए।
जयपुर। महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टैक्नोलॉजी में वर्ल्ड कांग्रेस ऑन ट्रांसलेशनल कैंसर रिसर्च एंड इम्यूनोथेरेपी का आयोजन किया जा रहा है। कॉन्फ्रेंस के तहत कैंसर इम्यूनोथेरेपी के पितामह नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डॉ. जेम्स पी. एलिसन का संबोधन हुआ। डॉ. जेम्स एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर टेक्सास विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी शोध और अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि दुनिया में कैंसर फैलने की रफ्तार बहुत तेज है। प्रभावी टीका आने में अभी दो तीन साल और लग सकते हैं। तब तक सर्जरी, कीमो और रेडियोथेरेपी के जरिए उपचार जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रतिरोधी कोशिकाओं के जरिए कैंसर उपचार को अच्छी सफलता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षात्मक उपायों, स्क्रीनिंग प्रोग्राम्स के जरिए और कैंसर होने पर शुरुआत में ही पहचान करने के लिए सभी को प्रयास करने चाहिए। डॉ. एलिसन ने महात्मा गांधी अस्पताल के सेंटर ऑफ कैंसर इम्यूनोथेरेपी सेंटर का निरीक्षण करते हुए टीका बनाने की प्रक्रिया और मिल रही संभावनाओं को सराहनीय बताया। आयोजक डॉ. अनिल सूरी ने बताया कि डेंड्रिटिक सेल्स के जरिए कैंसर की वैक्सीन बनाने का पहला चरण पूरा हो चुका है। इसमें रोगी में कैंसर के प्रकार के अनुसार इम्युनिटी सेल्स को प्रयोगशाला में विकसित किया जाता है। ये तैयार कोशिकाएं कैंसर सेल्स को नष्ट करती हैं। आशा है कि 2027 तक स्वदेशी और किफायती टीका पूरी तरह उपलब्ध हो सकेगा। जो कि एक बड़ी राहत होगी। कार्यक्रम में संस्थापक डॉ. एम एल स्वर्णकार, डॉ. विकास चंद्र स्वर्णकार सहित कई चिकित्सक मौजूद रहे।
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