आएपीएससी पर कोर्ट की टिप्पणी के बाद सवालों के घेरे में सरकार : आरपीएससी से तय होता है प्रदेश के नौजवानों का भविष्य, हाईकोर्ट कह रहा कि आरपीएससी गूंगी बहरी बैठी; पायलट बोले- यह एक बहानेबाज सरकार

आरोप लगाया कि उनका फोन टेप हो रहा है

आएपीएससी पर कोर्ट की टिप्पणी के बाद सवालों के घेरे में सरकार : आरपीएससी से तय होता है प्रदेश के नौजवानों का भविष्य, हाईकोर्ट कह रहा कि आरपीएससी  गूंगी बहरी बैठी; पायलट बोले- यह एक बहानेबाज सरकार

कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने बुधवार को आरपीएससी, मंत्री किरोड़ीलाल मीणा, ईआरसीपी, अपराध, बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों पर भजनलाल सरकार को घेरा

जयपुर। कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने बुधवार को आरपीएससी, मंत्री किरोड़ीलाल मीणा, ईआरसीपी, अपराध, बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों पर भजनलाल सरकार को घेरा। अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि राजस्थान में हाई कोर्ट का जो टिप्पणी आई है, आरपीएससी को लेकर वह अपने आप में बहुत कहानी बयां करती है। आरपीएससी वह संस्थान है, जहां से प्रदेश का नौजवानों का भविष्य तय होता है। लंबे समय से मैं कहता आया हूं और लोग भी कहते हैं आरपीएससी का गठन चयन प्रक्रिया कार्य प्रणाली जवाब देही पूरी तरह कंप्रोमाइज हो चुकी है। अब जब हाई कोर्ट खुद यह कह रहा है की आरपीएससी गूंगी बहरी बैठी है, तो सरकार के पास कोई कारण नहीं बचा है, कोई एक्सक्यूज नहीं बचा है उसमें आमूल परिवर्तन हो मैंने पहले भी कहा कि लोगों का नौजवानों का अगर भरोसा टूटेगा परीक्षा कंडक्ट करने से अगर नौजवान उन पर भरोसा नहीं करेंगे तो हमारे देश और प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण घटना होगी। आरपीएससी में जो हुआ वह एक्सपोज हो चुका है। बिना समय जाया किए उसमें यह परिवर्तन करना होगा। बार-बार यह कहना कि वह संवैधानिक संस्था है, उसमें तब्दीली करना पॉसिबल नहीं है। यह एक बहाने बाजी है, सरकार को 1 साल हो गया है। अगर वह चाहती तो बहुत कुछ कर सकती थी सत्ता में बैठने के बाद आंख बंद कर लेना यह दिखाता है कि अनावश्यक दबाव सरकार के ऊपर होगा पुनर्गठन करने बदलाव लाने और उनकी वर्किंग को बदलने में सरकार बिना समय गवाए काम कर सकती थी, लेकिन जानबूझकर इसे लटकाया गया। लेकिन अब जब हाईकोर्ट बोल रहा है तो बिना समय जाया किए सरकार को आमूल चूल परिवर्तन करना चाहिए।
 

मेंबर सिलेक्ट कैसे होता है? कौन होता है? उसकी एक प्रक्रिया होनी चाहिए। केवल अलग-अलग तबके के लोगों को समाज को साधने के लिए सब हो रहा है। पुलिस कार्रवाई कर रही है, आरपीएससी के मेंबर पकड़े जा रहे हैं, उसके बावजूद भी कोई बदलाव नहीं हुआ सरकार कुछ नहीं कर रही है कल के हाई कोर्ट के स्टेटमेंट के बाद कोई कारण नहीं रहा सरकार को बताना चाहिए की 14 महीने क्यों कुछ नहीं किया। सरकार के एक मंत्री है जिन्होंने पब्लिक प्लेटफॉर्म पर आरोप लगाया कि उनका फोन टेप हो रहा है। किसी भी नागरिक के अधिकार का हनन नहीं कर सकती सरकार भले ही कोई जवाब ना दे रही हो। सरकार का मंत्री सरकार का अनुमंडल है यानी सरकार खुद बोल रही है, अगर वह खुद कह रहे हैं कि फोन टेप हो रहा है और उनका दल उस पर कार्रवाई करता है यह एक भाजपा का अंदरूनी मामला है। यह उनका निजी मामला है लेकिन पब्लिक लाइफ में सरकार के एक मंत्री जो आज भी मंत्री हैं और जो कह रहे हैं कि मेरे पास प्रमाण है। उस पर सदन में सरकार को जवाब देना चाहिए पूरा प्रदेश और देश जानना चाहता है कि जो एक जिम्मेदार व्यक्ति जो अपनी सरकार पर फोन टेप करने के आरोप लगा रहा है। कोई आम नागरिक बोलता तो मैं समझ सकता था, लेकिन सरकार का एक मंत्री यह बोल रहा है। यह मजाक बना रखा है। वह इस्तीफा दिए बैठे हैं, उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होता। वह मंत्री होकर यह कहते हैं कि फोन टेप हो रहा है, तो उस पर कुछ होता नहीं है यह मजाक बना रखा है।

कलेक्टिव लीडरशिप में हर मंत्री सरकार की तरफ से बोलता है, उनका स्टेटमेंट सरकार का स्टेटमेंट है, उनके मंत्री खुद कह रहा है कि उनका फोन टेप हो रहा है। दुर्भाग्य है कि सत्र जारी है और हमारी पार्टी ने सदन में इस मामले को उठाया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया सरकार को निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। सच्चाई सामने आनी चाहिए। अगर उनको किसी सूत्र ने बताया है, तो किरोड़ी लाल को भी यह बात सामने लानी चाहिए। फोन टैपिंग का मामला गंभीर मामला है।

सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए और व्हाइट पेपर जारी करना चाहिए पार्टी के लेवल पर कार्रवाई करना पर्याप्त नहीं है। भाजपा दल के विधायक ने गंभीर बात बोली और दुर्भाग्य वश स्वर्गीय माथुर साहब की जब सरकार थी, राजस्थान में उस समय के आरोपों पर वह अपना वर्णन कर रहे थे की दुर्भाग्यपूर्ण है की दोनों पूर्व मुख्यमंत्री इस दुनिया में नहीं है, लेकिन दशकों पुरानी बात को एक जिम्मेदार विधायक सत्तादारी दल का विधायक मीडिया में बोलता है, उसे पर चर्चा होती है, तो यह ठीक नहीं है इतिहास में किसी बात को कहानी सुनी होगी उन्होंने जो कहा उसका मैं खंडन करता हूं और उम्मीद करता हूं कि ऐसी बातें ना बोले इस प्रकार से दोषी बनाना बिना तथ्य प्रमाण के किसी पूर्व मुख्यमंत्री को यह बताता है कि किरोड़ी लाल मीणा के आरोप ऑन से ध्यान डाइवर्ट करने के लिए इस तरीके की हवाई बातें हो रही है।

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भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि विधायक ने जो कहा है क्या उसे भाजपा सहमत है। उनको माफी मांगनी चाहिए। अब किरोड़ी लाल मीणा क्राइसिस में है, जान बचाने के लिए इधर-उधर की बात कर रहे हैं ना भैरू सिंह जी जिंदा है ना माथुर साहब जिंदा है मुरारी लाल केवल बचाव के लिए कहा है। ईआरसीपी का एमओयू सामने आया है जितना मध्य प्रदेश रिचार्ज करेगा वह 47 एमसीएम है और राजस्थान में 522 एमसीएम हम रिचार्ज करेंगे। यह तुलनात्मक तरीके से और प्रैक्टिकल लग रहा है। सरकार को सदन में स्पष्ट करना चाहिए की जो आंकड़े अपने दिए हैं। उसकी पूर्ति कैसे होगी इसमें जो गुणा भाग हुआ है वह काल्पनिक है। पहले राजस्थान का जो हिस्सा था वह काम आता है और जो आता है तो वह तुलनात्मक तरीके से गले नहीं उतर रहा है। उसका जवाब सरकार को देना चाहिए। घड़साना में सिंचाई के पानी को लेकर आंदोलन चल रहा है। वह क्षेत्र के लोगों की पुरानी मांग है कि हमें और पानी चाहिए सिंचाई के लिए लेकिन सरकार ने अभी तक गंभीरता से नहीं लिया। घड़साना वह इलाका है जहां बहुत पहले पानी को लेकर उग्र आंदोलन भी हुआ और घटना भी हुई थी। इसका ध्यान रखते हुए सरकार को तुरंत प्रभाव से हमारे कि ध्यान रखते हुए किसने की बाजीब मांग को पूरा करना चाहिए किसान कई दिनों से आंदोलन है उसे पर कार्रवाई करनी चाहिए।

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मणिपुर के मुख्यमंत्री का अचानक इस्तीफा लिया गया, जब वहां हिंसा का दौर चल रहा था, जब हजारों लोगों को पीड़ित किया हत्या बलात्कार शोषण हुए उस समय स्थिति को संभालने के लिए मुख्यमंत्री का इस्तीफा लिया जाता तो शायद वहां के लोगों को इतना नुकसान नहीं होता। लेकिन हम जब सरकार जाने का खतरा था नो कॉन्फिडेंस मोशन आने वाला था। तो कुर्सी बचाने के लिए ईस्तीफा लिया गया। हिंसा बलात्कार और शोषण से बचने के लिए यह इस्तीफा नही लिया गया। यह इस्तीफा लेना था तो उस समय लेते जब वहां हिंसा चल रही थी। लेकिन जब उनको पता लगा कि विश्वास खो चुके हैं, तो उनका इस्तीफा ले लिया। यह दिखाता है कि भाजपा केवल सत्ता में रहने के लिए कुछ भी कर सकती है। यह बात हर राज्य में लागू होती है।

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भाजपा को मणिपुर जाने का समय नहीं है सरकार बचाने के लिए हर हर हथकंडा अपनाने को तैयार है, यह भी भाजपा का दूसरा चेहरा है। दिल्ली में चुनाव हुए हमारी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा हम लोग वहां चुनाव लड़े थे। हम हमारी पुरानी स्थिति को तलाशने के लिए चुनाव लड़े थे। हमारी तीन बार सरकार रही वहां दशकों तक वहां बड़ा जन आधार रहा। पिछले कुछ चुनाव हम नहीं जीत पाए लेकिन यह हमारी पार्टी का अधिकार है कि हम अपनी मजबूती जो हमारी जड़ी थी। उन्हें और मजबूत करें उसका परिणाम यह रहा कि राज्य सरकार में तब्दीली हुई है और आम आदमी पार्टी चुनाव हार गई। क्योंकि हम लोग चुनाव लड़े थे चुनाव जीतने के लिए जो हमारी पुरानी स्थिति थी, वहां तक पहुंचाने के लिए भविष्य में भी हमारा वोट जो 30% बड़ा है। उसे पर और काम करेंगे और आने वाले हर चुनाव में हम यह स्थिति करेंगे जहां तक इंडिया गठबंधन की बात है, वह गठबंधन लोकसभा चुनाव में एनडीए के विरोध में किया था। जो संकट देश के सामने था उसमें कांग्रेस ने तमाम दलों के सामने मिलकर लड़ना चाहते थे। जिन मुद्दों के साथ थे वह मुद्दों को लेकर मामला गठबंधन अभी भी है। 

कांग्रेस पार्टी और इंडिया एलियांज का इकट्ठा आने का जो मुद्दे थे वह मुद्दे अभी भी काम कर रहे है। समरावता मामले में सरकार ने कहा था न्यायिक जांच होनी चाहिए। वहां घरों में घुसे हैं लोगों को मारा है। सामान जलाए हैं। जब जांच नहीं हो रही है, तो न्याय कैसे मिलेगा सरकार की मंशा न्याय देने की नहीं है। अगर होती तो बहुत पहले न्यायिक जांच का आर्डर हो जाता है। फोन टैपिंग कोई छोटा-मोटा मुद्दा नहीं है कांग्रेस के लोग बोले तो पॉलिटिकली मोटिवेटेड हो सकता है, लेकिन यह आरोप उनके मंत्री का है। हमारी सरकार के समय जो हुई मामले में जांच चल रही है।

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