बीमार पशुओं की हेल्प करने में हांफ रही मोबाइल वैन
हेल्पलाइन नंबर पर कॉल आ रही ज्यादा, संसाधन पड़ रहे कम
एक ही दिन में सभी पशुओं को नहीं मिल पाता उपचार।
कोटा। पशुपालन विभाग की ओर से जिले में छह मोबाइल वेटरनरी वैन संचालित की जा रही है। हेल्पलाइन नंबर 1962 पर प्राप्त कॉल अनुसार पशुपालक के द्वार पहुंचकर वैन के माध्यम से बीमार पशुओं उपचार किया जा रहा है। जिले में हेल्पलाइन पर बीमार पशुओं के उपचार के लिए कॉल अधिक आ रहे हैं। जबकि वैन की संख्या सीमित होने के कारण एक दिन में सभी पशुओं को उपचार नहीं मिल पा रहा है। विभाग ने हेल्पलाइन नंबर पर पर फोन कॉल करने की अवधि को बढ़ा दिया है। इस नंबर पर सुबह सात बजे ही बीमार पशुओं के सम्बंध में सूचना मिल रही है। इस कारण प्रत्येक ब्लॉक से एक ही दिन में लगभग 10 से 12 कॉल आ रही है, जबकि उपचार 5 से 7 पशुओं का ही हो पा रहा है। शेष पशुओं का अगले दिन उपचार करना पड़ता है।
उपचार के लिए एक मोबाइल वैन नाकाफी : रामगंजमंडी क्षेत्र के पशुपालकों का कहना है कि क्षेत्र में पशुओं के उपचार के लिए सरकार ने मोबाइल वैन की सुविधा तो शुरू कर दी है, लेकिन पशु संस्थाओं पर चिकित्सक लगाना भूल गई। इसके परिणामस्वरूप मोबाइल वैन पर अतिरिक्त भार पड़ गया। इस कारण पशु मोबाइल वैन भी समय पर पशुओं का उपचार नहीं कर पा रही है। उपखण्ड क्षेत्र में मात्र एक मोबाइल वैन है जो एक दिन में पांच या छह स्थानों पर जाकर पशुओं का उपचार करती है। हालात यह है कि प्रतिदिन मोबाइल वैन के लिए दस से ज्यादा कॉल आती हैं। जिनका समाधान उसी दिन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में रामगंजमंडी ब्लॉक के लिए अतिरिक्त पशु मोबाइल उपचार वैन सरकार को देनी चाहिए। इसलिए भी आ रही दिक्कत : जानकारी के अनुसार उपखंड क्षेत्र छोटे बड़े 38 पशु संस्थान हैं, जहां पशुओं का उपचार किया जाता है। विडंबना यह है कि 38 में से मात्र 11 संस्थानों पर ही डॉक्टर व कपाउंडर हैं, बाकी संस्थानों पर डॉक्टर कपाउंडर के पद खाली है। यहां लगे डॉक्टर कपाउंडरों का तबादला होने से पशुओं का इलाज नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पशुपालकों द्वारा 1962 पर फोन करके मोबाइल वैन को बुलाकर पशुओं का उपचार करवाना पड़ रहा है।
फैक्ट फाइल
- जिले में कुल पशु-6.40 लाख
- जिले में संचालित मोबाइल वैन-6
- पशु चिकित्सा इकाइयां-180
- प्रथम श्रेणी के पशु चिकित्सालय-16
- पशु चिकित्सालय- 36
- पशु चिकित्सा उप केंद्र- 124
हेल्पलाइन नंबर 1962 पर बीमार पशु के सम्बंध में दिन में सूचना दी थी। शाम तक भी मोबाइल वैन की टीम उपचार करने के लिए नहीं आई। इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
- भवानीशंकर गुर्जर, पशुपालक
प्रतिदिन दस से अधिक मामले आते हैं जिनमें से पांच से सात मामले तक ही वैन पहुंच रही है। बाकी अगले दिन करते हैं।
- डॉ. दीपक, मोबाइल वैन प्रभारी
छह मोबाइल वैन संचालित की जा रही है। हेल्पलाइन नंबर जयपुर से संचालित होती है। कॉल करने पर टिकट जनरेट होता है। इसके बाद मोबाइल वैन घर जाकर बीमार पशु का उपचार करती है। अभी बीमार पशुओं के सम्बंध में ज्यादा कॉल नहीं आ रही है।
- डॉ. हेमंत जैन, पशु चिकित्सक
Comment List