एमबीएस अस्पताल: मरीजों को सीढ़ियों से जाना पड़ रहा तीसरी मंजिल पर, नई ओपीडी की 7 में से 5 लिफ्ट बंद
2 लिफ्ट ही कर रही काम
शहर के एमबीएस अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही लिफ्ट का इस्तेमाल बढ़ गया है।
कोटा। एमबीएस अस्पताल की नई ओपीडी को आधी अधुरी सुविधाओं के साथ शुरू करने का खामियाजा यहां इलाज कराने आए मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल की नई ओपीडी में कहने को तो सात लिफ्ट लगी है लेकिन वर्तमान में दो ही लिफ्ट चालू कर रखी है। एक लिफ्ट गंभीर मरीजों को लाने ले जाने के लिए काम में ले रहे है। जो दो लिफ्ट चल रही है वो भी आए दिन बीच में अटक जाती है। मजबूरी मरीजों को कभी पहली मंजील से दूसरी तक सीढ़ी जाना पड़ता है तो कभी दूसरी मंजील पर अटकने पर तीसरी पर जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। दो ही लिफ्ट चलने से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग व दुर्घटना में घायल व्यक्तियों आ रही है। वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है सभी लिफ्ट चालू ओपीडी में भीड़ को देखते हुए लिफ्ट का संचालन किया जाता है। अनावश्यक लिफ्ट चलाने से विद्युत भार बढ़ता । उल्लेखनीय है कि तीमारदारों के ऊपर नीचे आने जाने के लिए 7 लिफ्ट लगी है। जिनमें 3 फ्रंट व 3 बेक व 1 बीच में लगी है। वैसे तो 7 लिफ्ट पर 7 लिफ्टमैन लगा रखे हंै। लेकिन काम में दो ही ली जाती हैं।
सात में से दो लिफ्टही चल रही है
ओपीडी में जांच कराने आए विशाल वर्मा ने बताया कि कहने को यहां सात लिफ्ट लगी हुई है। लेकिन यहां मुश्किल से एक से दो लिफ्ट ही चलती है। जो भी आए दिन बंद हो जाती जिससे मरीजों को सीढ़ियों से दूसरी व तीसरी मंजील पर जाना पड़ता है। लिफ्ट एक, दो और तीन ही चल रही है। जिसमें दो व तीन पर तीमारदार आ जा रहे है एक से गंभीर मरीज ले जाते है।
नेत्र विभाग में जाना किसी सजा से कम नहीं
नई ओपीडी में सारे डॉक्टरों चैबंर पहली दूसरी व तीसरी मंजील पर है। आंख दिखाने जाना हो लिफ्ट नहीं चले तो तीसरी मंजील पर चढ़ना किसी सजा से कम नहीं है। यहां आए दिन लिफ्ट अटकती एक लिफ्ट अटकने के बाद दोबारा शुरू नहीं होती है।
बिजली गुल होते ही अटक जाती है लिफ्ट
शहर के एमबीएस अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही लिफ्ट का इस्तेमाल बढ़ गया है। जिससे लिफ्ट आए दिन खराब हो रही है। अस्पताल में लिफ्ट मरीजों का भार नहीं उठा पा रही जिससे दूसरी मंजिल पर जाने के लिए मरीजों को सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है। जब भी बिजली गुल होती है, झटके से लिफ्ट अटक जाती है।
आए दिन खराब होती लिफ्ट
तीन मंजिला इमारत पर अलग अलग फ्लोर पर ओपीडी संचालित हो रही है। आए दिन लिफ्ट खराब होने से मरीजों को आए दिन सीढ़ियों से जाना पड़ता है। सबसे ज्यादा दुर्घटना में घायल मरीजों को अस्थि रोग विभाग में जाने में परेशानी होती है। मरीजों को सीढ़ियों के द्वारा ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने जाना पड़ा। मौसमी बीमारियों के प्रकोप बढ़ने के साथ अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके साथ अस्पताल में लगी लिफ्ट मरीजों के बोझ से हाफने लगी है। जिससे गंभीर मरीजों को भी सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है।
- रामनारायण बैरवा, कुन्हाड़ी
इनका कहना है
ओपीडी सारी लिफ्ट चालू है। मरीजों की ओपीडी में संख्या कम होने पर एक दो तीन नंबर लिफ्ट चालू रखी जाती है। ओपीडी में मरीज बढ़ने पर सभी लिफ्टों को चालू कर दिया जाता है। लोग अनावश्यक पूर नीचे घूमते इसलिए आवश्यकता के अनुसार इनका प्रयोग किया जा रहा है।
- डॉ. धर्मराज मीणा, अधीक्षक एमबीएस अस्पताल
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