एयरटेल-जिओ के साथ स्टारलिंक की साझेदारी से जुड़ा है राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल : इससे जुड़ी चिंता का समाधान आवश्यक, जयराम रमेश ने कहा- किसके पास होगा कनेक्टिविटी को चालू या बंद करने का अधिकार
आपत्तियों को लेकर स्टारलिंक काफी समय से आवाज उठा रहा
कांग्रेस ने कहा है कि दूर संचार सेवा प्रदाता एयरटेल तथा जिओ के साथ अमेरिकी कंपनी स्टारलिंक की साझेदारी का समझौता 12 घंटे के भीतर सुलझा है
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि दूर संचार सेवा प्रदाता एयरटेल तथा जिओ के साथ अमेरिकी कंपनी स्टारलिंक की साझेदारी का समझौता 12 घंटे के भीतर सुलझा है और इसमे देश की सुरक्षा का सवाल भी शामिल है। इसलिए इससे जुड़ी चिंता का समाधान आवश्यक है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि '' सिर्फ 12 घंटे के भीतर एयरटेल और जियो ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा की है, ऐसा लगता है कि भारत में इसके प्रवेश पर उनकी सभी आपत्तियों पर सहमति बनने के बाद यह सब हुआ है। अपनी आपत्तियों को लेकर स्टारलिंक काफी समय से आवाज उठा रहा था।
उन्होंने कहा कि '' यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि इन साझेदारियों को किसी और ने नहीं बल्कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टारलिंक के मालिक एलन मस्क के माध्यम से राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ सछ्वाव बनाये रखने के लिए सबको तैयार किया है लेकिन कई सवाल बने हुए हैं। शायद सबसे महत्वपूर्ण सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। राष्ट्रीय सुरक्षा की मांग होने पर कनेक्टिविटी को चालू या बंद करने का अधिकार किसके पास होगा। क्या यह स्टारलिंक होगा या इसके भारतीय साझेदा। क्या अन्य उपग्रह-आधारित कनेक्टिविटी प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी और किस आधार पर। कांग्रेस नेता ने कहा कि इन सब स्थितियो में जाहिर है, भारत में टेस्ला के निर्माण का बहुत बड़ा सवाल बना हुआ है। क्या अब इसके लिए कोई प्रतिबद्धता है क्योंकि स्टारलिंक के भारत में प्रवेश की सुविधा मिल गई है।
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