बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में राज्यपाल को दिया ज्ञापन, केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग:
पाकिस्तान ने अस्त्र शस्त्र सहित भारत के समक्ष 16 दिसम्बर 1971 को किया था आत्मसमर्पण
बांग्लादेश अंतरिम सरकार के इस कृत्य से दोनों देशों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है जो बहुत चिन्ताजनक है
जयपुर। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच जयपुर चेप्टर ने बांग्लादेश में हिन्दू एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचार और मानवाधिकार हनन को लेकर राजस्थान के राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को अल्पसंख्यकों के संरक्षण की गुहार की है। मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह, जयपुर चेप्टर के अध्यक्ष डॉ. एस एस अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनुज कुमार माथुर, जयपुर चेप्टर के महासचिव पुष्कर उपाध्याय व पदाधिकारियों के साथ राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे को इस सम्बन्ध में ज्ञापन सौपा। ज्ञापन देने के लिए आज के दिन का चयन इसलिए किया गया क्योकिं 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान ने 93 हजार से अधिक सेनिकों के साथ अस्त्र शस्त्र सहित भारत के समक्ष 16 दिसम्बर 1971 को आत्मसमर्पण किया था।
इसी घटना से बांग्लादेश का जन्म हुआ। और आज जब वही बांग्लादेश जिसका जन्म ही भारत की देन है के खिलाफ छद्म युद्ध की तरह वहां निवास कर रहे हिन्दू एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदाय, जिसका बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। लगातार अमानवीय हमले और अत्याचार किये जा रहे है। येही नहीं वहां की अंतरिम सरकार अल्पसंख्यको के संरक्षण के बजाय उनके संहारको को प्रश्रय दे रही है। जबकि वहां के वर्तमान सरकार के मुखिया मो. युनुस नोबेल शांति पुरुस्कार से पुरस्कृत हैं ।
बांग्लादेश अंतरिम सरकार के इस कृत्य से दोनों देशों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है जो बहुत चिन्ताजनक है। इस तनाव से सम्पूर्ण विश्व में और मुख्यतः भारत में जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिससे यहाँ की शांति और कानून व्यवस्था पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए केंद्र सरकार सख्त फैसले ले।
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