प्रदेश में 25 हजार वरिष्ठ अध्यापकों की जरूरत, आरपीएससी ने केवल 2100 की निकाली भर्ती
जरूरत के अनुसार रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर वेकेंसी नहीं निकाल रही
पहले ही सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को लेकर सरकार की तबादला नीति स्पष्ट नहीं है। इस वजह से भी अभिभावकों को प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है।
जयपुर। आरपीएससी द्वारा वरिष्ठ अध्यापकों के दो हजार 129 पदों की भर्ती स्वीकृत की गई है। जबकि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में 25 हजार 372 पद वरिष्ठ अध्यापकों के रिक्त पड़े हुए हैं। जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने की डींगें हांक रही है। वहीं, जरूरत के अनुसार रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर वेकेंसी नहीं निकाल रही। इससे स्पष्ट है कि सरकार और प्रशासन शिक्षा व्यवस्था बनाने की बजाए अभिभावकों का मजाक उड़ा रहे हैं।
पहले ही सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को लेकर सरकार की तबादला नीति स्पष्ट नहीं है। इस वजह से भी अभिभावकों को प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। दूसरी तरफ गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा कि जरूरत के अनुसार वरिष्ठ अध्यापकों को वेकेंसी निकालने की बजाय राज्य सरकार और प्रशासन ने मात्र दो हजार 129 पदों पर वेकेंसी की स्वीकृति दी है जो पूरी तरह से ऊंट के मुंह में जीरा डालने के सामान है। राज्य सरकार को प्रदेश के सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं को लेकर नीति स्पष्ट करनी चाहिए, चूंकि सरकार की नीयत में खोट है, इसलिए दावे तो बड़े करती है, किंतु हकीकत में धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता है। जिसके चलते प्रदेश के 1 करोड़ अभिभावकों के सपने टूट रहे है और 2 करोड़ से अधिक छात्रों का भी भविष्य खराब हो रहा है।
Comment List