तेजी से बढ़ रहा ध्वनि प्रदूषण, उड़ रही रातों की नींद, खो रहा दिन का चैन

हाई ब्लड प्रेशर, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है

तेजी से बढ़ रहा ध्वनि प्रदूषण, उड़ रही रातों की नींद, खो रहा दिन का चैन

एसएमएस अस्पताल में वरिष्ठ ईएनटी रोग विशेषज्ञ और राजस्थान ईएनटी एसोसिएशन के सचिव डॉ. पवन सिंघल ने बताया कि वाहनों से उत्पन्न तेज शोर से ना केवल मनुष्य बल्कि पशु पक्षियों, जलचरों एवं सूक्ष्म जीवों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

जयपुर। राजस्थान में बढ़ते यातायात के कारण ध्वनि प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। इससे आमजन के साथ जीव जंतुओं पर भी हानिकारण प्रभाव पड़ रहा है। जिसके चलते इंसानों में कई रोगों की समस्या बढ़ रही है वहीं जानवरों को भी इससे असहजता हो रही है और प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मनुष्य में ध्वनि प्रदूषण के कारण कान संबधी बीमारियों के साथ उच्च रक्त चाप, ब्रेन स्ट्रोक एवं हार्ट अटैक की संभावना कई गुणा तक बढ़ जाती है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध व्याप्त नियमों और काानूनों का कड़ाई से पालन करवाया जाए, जिससे इस पर लगाम लग सके।

ऐसे पड़ता है वितरीत प्रभाव
एसएमएस अस्पताल में वरिष्ठ ईएनटी रोग विशेषज्ञ और राजस्थान ईएनटी एसोसिएशन के सचिव डॉ. पवन सिंघल ने बताया कि वाहनों से उत्पन्न तेज शोर से ना केवल मनुष्य बल्कि पशु पक्षियों, जलचरों एवं सूक्ष्म जीवों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं तेज शोर के कारण सुनने में कमी होना, कान में दर्द होना, असामान्य आवाजों का सुनाई देना और इरिटेशन होता है, जिससे उच्च रक्त चाप, ब्रेन स्ट्रोक एवं हार्ट अटैक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त मानसिक विकार जैसे चिड़चिड़ापन, तनाव, डिप्रेशन, स्मरण शक्ति कम होना, नींद में परेशानी होना आदि भी होते हैं। एसिडिटि, आंतों की सूजन, भूख कम लगना और नपुसंकता की भी समस्याएं होती है।

रोकथाम हो तो मिले राहत
डॉ. सिंघल ने बताया कि पहले से ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध कड़े नियम बने हुए हैं। लेकिन इनका सख्ती से पालन नहीं होता है। ऐसे में व्याप्त नियमों और कानूनों का कड़ाई से पालन करवाया जाए और इनका उल्लंघन करने वालों का ना सिर्फ चालान किया जाये बल्कि उनके वाहन भी जब्त किए जाएं। इसके उपरांत भी उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान हो। तभी हम सब तेज आवाज वाले ध्वनि प्रदूषण से बच सकेंगे। वाहनों से प्रेशर हॉर्न, म्यूजिकल हॉर्न एवं एयर हॉर्न हटवाने और ऐसे वाहनों का चालान करने का सुझाव दिया। सभी तरह के वाहनों से साइलेंसर हटाने और साइलेंसर को तेज आवाज के लिए मॉडिफाई करवाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए। इसमें दुपहिया वाहन वाले भी शामिल है।

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