ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, समय पर मिलेगी एनओसी
स्टेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक
प्रदेश में लाइव एवं कैडेवर अंगदान और अंग प्रत्यारोपण को लेकर मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से अंग प्रत्यारोपण और अंगदान को बढ़ावा दिया जाएगा।
जयपुर। चिकित्सा शिक्षा विभाग में एसीएस शुभ्रा सिंह की अध्यक्षता में ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर बनी स्टेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ है कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट और अंगदान के सिस्टम को मजबूती देने के लिए अस्पतालों में निचले स्तर तक के कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ट्रांसप्लांट सेंटरों और नॉन ट्रांसप्लांट ऑर्गन रिट्रीवल सेंटर्स को और अधिक मजबूत बनाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। शुभ्रा सिंह ने कहा कि अंगदान संवेदनशील विषय है। ऐसे में अंग प्रदाता और उनके परिजनों की काउंसलिंग आवश्यक है। चिकित्सकों, ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर एवं ट्रांस्पलांट टीम सहित प्रत्येक स्तर पर ट्रेनिंग दिए जाने के लिए स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन यानी सोटो काम करेगी। शुभ्रा सिंह ने बताया कि इसमें पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
स्टेट ऑथोराइजेशन कमेटी भी अंग प्रदान करने के लिए तय समय में ही एनओसी प्रदान करेगी। जिससे अंग प्राप्तकर्ता को अधिक इंतजार ना करना पड़े। प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने के लिए पोर्टल तैयार होगा। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना सहित अन्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में अंगदान को पैकेज के रूप में शामिल किया गया है। ताकि परिजनों पर आर्थिक भार ना आए।
ऑर्गन ट्रांसप्लांट और अंगदान को प्रोटोकॉल बनेगा
प्रदेश में लाइव एवं कैडेवर अंगदान और अंग प्रत्यारोपण को लेकर मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से अंग प्रत्यारोपण और अंगदान को बढ़ावा दिया जाएगा। ब्रेन डेड अंग प्रदाता के केस में ब्रेन डेड मरीज की पहचान, परिजनों की अंगदान के लिए सहमति और अंगदान संबंधी प्रक्रिया का प्रोटोकॉल स्पष्ट और सुनिश्चित होगा। सोटो को प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है।
अप्रैल से अब तक 75 एनओसी जारी
बैठक में फर्जी एनओसी प्रकरण की भी समीक्षा की। इस दौरान एनओसी के लिए तैयार की गई एसओपी का प्रस्तुतीकरण दिया गया। सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक कर एसओपी पर सुझाव लेने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि फर्जी एनओसी प्रकरण के बाद गठित नई राज्य स्तरीय प्राधिकृत समिति द्वारा एनओसी जारी करने के लिए नियमित बैठकें कर एक अप्रैल से 5 जुलाई तक 86 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 75 एनओसी जारी की गई है। सात प्रकरण विभिन्न कारणों से निरस्त हुए हैं। शेष एनओसी जारी होना प्रक्रियाधीन हैं।

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