संगठन कार्यो में परफेक्ट व्यक्ति टिकेंगे, बाकी को आराम देंगे: डोटासरा
टेली फ़िल्म जनता के सामने रखेंगे
पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा ने कहा है कि संगठन में सक्रिय सदस्यों को ही आगे जिम्मेदारी मिलेगी और निष्क्रिय सदस्यों को आराम देकर उनकी जगह सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा।
जयपुर। पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा ने कहा है कि संगठन में सक्रिय सदस्यों को ही आगे जिम्मेदारी मिलेगी और निष्क्रिय सदस्यों को आराम देकर उनकी जगह सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए डोटासरा ने कहा कि डोटासरा ने कहा कि आज की बैठक में एक महीने के कार्यक्रम दिए हैं। भाजपा सरकार की विफलताओं ओर केंद्र सरकार की विफलताओं, मुद्दों को लेकर चर्चा कर निर्देश दिए गए हैं। कल उन पदाधिकारियों की बैठक होगी, जिनको प्रदेश प्रभारी रंधावा ने चुनाव समय पर नियुक्ति दी थी। कार्यक्रमों के तहत 18 दिसम्बर को राजभवन घेराव होगा, 20 और 21 को सरकार की विफलता पर सभी संभागों पर प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। जिलाध्यक्ष, सम्भाग जिला प्रभारी इन प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखेंगे। इसके बाद 22 और 23 को सभी जिला मुख्यालयों पर डीसीसी, जिला प्रभारी, पदाधिकारी प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। 25 और 26 को प्रभारी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी स्तर पर प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। 27 दिसम्बर को कांग्रेस स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर जिलों में कार्यक्रम होंगे। 30 को डोटासरा सवाई माधोपुर में करौली सवाई माधोपुर जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक लेंगे। डोटासरा ने कहा कि बैठक में चर्चा के बाद सक्रिय और निष्क्रिय लोगों को चिन्हित किया है। आगामी दिनों में चिंतन शिविर की पालना सौ फीसदी करेंगे। बैठक के बाद जनसुनवाई का कार्यक्रम भी करेंगे। शेष मंडल और ब्लॉक की कार्यकारिणी जल्द गठन किया जाएगा। संगठन को एक साथ लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे, विधानसभा सत्र के दौरान उन मुद्दों को उठाएंगे। यह सरकार पूरी तरह फैल है। प्रधनमंत्री आकर चले जाएंगे उसके बाद 19 दिसम्बर को टेली फ़िल्म जनता के सामने रखेंगे।
संगठन बदलाव पर कहा कि चुनावों के दौरान पद पर बनाया था उन्हें संगठन के टास्क देंगे और सक्रिय लोगों को अधिकृत सूची में जोड़ने के लिए आलाकमान को प्रस्ताव भेजेंगे। उपचुनाव में काम किया परिणाम नहीं आए। अब हार से उठकर सरकार को घेरने का काम करेंगे। बैठक में कुछ पदाधिकारियों के नहीं आने पर कहा कि 30 पदाधिकारी नहीं आए। इनमें से 7 किसी काम से बाहर चले गए थे और 23 नहीं आए। सूचना के बाद भी नहीं आए, उन्हें आराम देंगे। ईआरसीपी पर कहा कि मोदी इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करेंगे और एक प्रतिशत शंका दिखेगी तो जन आंदोलन करेंगे। कोचिंग सेंटर में सुरक्षा में चूक पर कहा कि यह गम्भीर मुद्दा है। कोई कमियां हैं तो जांच कराकर उनको दूर करें। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में एएसआई मर जाता है, उसकी चिंता नहीं है। प्रदेश की संपदा को बेचने में लगे है।
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