माही को लूणी नदी से जोड़ने की परियोजना, वेपकॉस तैयार कर रही फिजिबिलिटी रिपोर्ट
परियोजना का जिम्मा सौंपा गया है
वर्तमान में वेपकॉस द्वारा प्रस्तुत संशोधित इन्सेप्शन रिपोर्ट का परीक्षण प्रक्रियाधीन है। बजट 2024-25 के तहत इस परियोजना को रन ऑफ वाटर ग्रिड के एक घटक के रूप में शामिल किया गया है।
जयपुर। माही नदी को लूणी नदी से जोड़ने के लिए पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का कार्य तेजी से जारी है। केंद्र सरकार के उपक्रम वेपकॉस (WAPCOS) को इस परियोजना का जिम्मा सौंपा गया है। इस रिपोर्ट के जरिए माही बेसिन के अधिशेष जल को कडाना बांध से सुजलाम-सुफलाम परियोजना के माध्यम से जालौर जिले तक पहुंचाने की संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा।
वर्तमान में वेपकॉस द्वारा प्रस्तुत संशोधित इन्सेप्शन रिपोर्ट का परीक्षण प्रक्रियाधीन है। बजट 2024-25 के तहत इस परियोजना को रन ऑफ वाटर ग्रिड के एक घटक के रूप में शामिल किया गया है। इसके तहत जल को मार्ग में पड़ने वाले बांधों का पुनर्भरण करते हुए जवाई बांध तक प्रवाहित कर जालौर जिले तक पहुंचाने की योजना है। इस परियोजना की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और पीएफआर (प्रि-फिजिबिलिटी रिपोर्ट) भी वेपकॉस द्वारा तैयार की जाएगी। केंद्र सरकार के नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान के तहत जल अधिशेष नदियों को जल की कमी वाली नदियों से जोड़ने के लिए 30 लिंक परियोजनाओं का चिह्निकरण किया गया है। राजस्थान में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक सहित अन्य नहर परियोजनाओं पर भी कार्य जारी है।
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