चम्बल नदी के बांधों और बैराज की मरम्मत की बनेगी योजना, चरणबद्ध कार्य योजना के लिए डीपीआर तैयार
विशेषज्ञों की राय के आधार पर कार्य कराने का प्रस्ताव है
रिपोर्ट 21 फरवरी 2025 को प्राप्त हुई, जिसमें इन संरचनाओं के जटिल कार्य को चरणबद्ध तरीके से करवाने की सिफारिश की गई है।
जयपुर। चम्बल नदी पर स्थित राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज की मरम्मत के लिए विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB) की ओर से वित्त पोषित बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना (DRIP II) के तहत तकनीकी योजनाएं तैयार की गई हैं। जल संसाधन विभाग के अनुसार इन संरचनाओं की मरम्मत के लिए केंद्रीय जल आयोग और बांध सुरक्षा समीक्षा पैनल (DSRP) के विशेषज्ञों के सुझावों के अनुरूप प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग टेम्पलेट (PST) के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाई गई है। हालांकि, मरम्मत कार्यों के लिए अभी तक वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया गया है। राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज के कार्य तकनीकी दृष्टि से अत्यंत जटिल हैं, जिनके लिए विशेषज्ञों की राय के आधार पर कार्य कराने का प्रस्ताव है। इसी क्रम में केंद्रीय जल आयोग के गेट विशेषज्ञों की एक टीम ने 3-5 फरवरी 2025 के बीच इन संरचनाओं का तकनीकी परीक्षण और साइट निरीक्षण किया। उनकी रिपोर्ट 21 फरवरी 2025 को प्राप्त हुई, जिसमें इन संरचनाओं के जटिल कार्य को चरणबद्ध तरीके से करवाने की सिफारिश की गई है।
चरणबद्ध कार्य योजना के तहत राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांधों के गेट और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की मरम्मत की जाएगी। कोटा बैराज की संरचनात्मक स्थिति को भी ध्यान में रखकर विशेष तकनीकी विधियों का उपयोग किया जाएगा। परियोजना का उद्देश्य इन बांधों और बैराज की संरचनात्मक मजबूती और जल प्रबंधन क्षमता में सुधार करना है, जिससे क्षेत्र में जल सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। राज्य सरकार और केंद्रीय जल आयोग इन कार्यों को शीघ्र प्रारंभ करने की दिशा में प्रयासरत हैं।
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