10 संभाग और 50 जिलों का हुआ राजस्थान
19 नए जिलों और तीन संभागों का शुभारंभ
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी साल में बजट घोषणा के बाद 19 नए जिले और तीन संभागों के गठन को मूर्त रूप मूर्त रूप दिया है। इसके साथ ही राजस्थान अब 50 जिलों का प्रदेश हो गया है और 10 संभाग बन गए हैं।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी साल में बजट घोषणा के बाद 19 नए जिले और तीन संभागों के गठन को मूर्त रूप मूर्त रूप दिया है। इसके साथ ही राजस्थान अब 50 जिलों का प्रदेश हो गया है और 10 संभाग बन गए हैं। गहलोत ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक के बाद सीएमआर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिमोट से बटन दबाकर नए जिलो का शुभारंभ किया। अब जो नए जिले बने हैं, उन सभी जिलों में 7 अगस्त को सभी मंत्रीजाएंगे वहां पर विधिवत जिला के स्थापना का कार्यक्रम होगा, जिसमें सभी लोग शामिल होंगे।
सीएमआर पर मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा कि नए जिलों के गठन के लिए जो हमने कमेटी बनाई थी, उसका कार्यकाल हमने 6 माह और बढ़ा दिया है ताकि जिन क्षेत्रों से नए जिले बनाने की और मांग आ रही है, उनका हम परीक्षण करवा सकें और उसके बाद उन क्षेत्रों के संबंध में भी उचित निर्णय ले सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले का बड़ा क्षेत्र होने के कारण कलेक्टर एसपी लोगों की उम्मीद के अनुसार काम नहीं कर पाते हैं, राजस्थान की भौगोलिक स्थिति सभी को पता है। कई जिला मुख्यालय को दूरी तो 200 किलोमीटर से भी ज्यादा होने के कारण लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। हमारा विजन 2030 है, उसमें सभी सहयोग करें। इसमें इंटेलेक्चुअल लोग जो भी सुझाव देना चाहे वह दे सकते हैं कि विजन 2030 में क्या होना चाहिए? मध्यप्रदेश और राजस्थान की आबादी बराबर है, लेकिन मध्य प्रदेश में 53 जिले, छत्तीसगढ़ में दो करोड़ की आबादी है, जहां 33 जिले हैं। कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नए जिला बनना बहुत जरूरी था, कई बार ऐसी घटना हो जाती है जिसमें कलेक्टर एसपी का पहुंचना मुश्किल हो जाती है। जिलों के लेकर बनी कमेटी का कार्यकाल हमने 6 महीने और बढ़ा दिया है ताकि जो नई मांग है उनके जिले पढ़ने में अगर कोई संभावनाएं सामने आती है तो उस पर निर्णय ले सकें। आजादी के बाद इस कार्यकाल में ऐतिहासिक फैसले हुए हैं। राहुल गांधी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गहलोत ने कहा कि ये फासिस्ट सोच के लोग हैं जिन्होंने राहुल गांधी को लेकर कई कमेंट्स किए। राजस्थान में किसकी सरकार रिपीट होने जा रही है जनता में ऐसा माहौल है पैरों में जो चोट लगी है उसके भी सार्थक परिणाम आ रहे हैं अगर यह चोट चुनाव से 2 महीने पहले लग जाती है तो मैं कैसे चुनाव प्रचार कर पाता जिस तरह के मणिपुर के साथ राजस्थान में छत्तीसगढ़ को बोल जोड़कर दवा बोला जाता है इसे लेकर कई तरह के जनता में कमेंट हो रहे हैं जनता पूरी मानस बना चुकी है कि कांग्रेस की सरकार को वापस रिपीट करना है ऐसा मैंने आज तक के इतिहास में कभी नहीं देखा है कि चुनाव के 3 महीने पहले जनता इस तरह का मानस बनाएं। आने वाले समय में राजस्थान भी अग्रणी राज्यों की श्रेणी में सबसे आगे होगा।
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि राजस्थान में नए जिले बनाने का निर्णय लेकर मुख्यमंत्री ने एक ऐतिहासिक काम किया है। आज की आवश्यकता थी कि राजस्थान के मौजूदा हालातों को देखते हुए नए जिलों का गठन होना जरूरी था, लंबे समय से राजस्व इकाइयों का गठन नहीं होने के कारण आम लोगों को न्याय और सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ लोगों को नहीं मिल सका, इसमें कई कठिनाइयां सामने आती थी, लेकिन मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश की आम जनता की जन भावनाओं का ध्यान रखते हुए यह बड़ा फैसला लिया है। 4 साल में 125 नई तहसीलें, उप तहसील बनाए हैं, 13 एडीएम कार्यालय खोले हैं, 1000 से ज्यादा नए पटवार मंडल बनाए हैं। मुख्यमंत्री जी आपकी नई सोच का परिणाम प्रदेश की जनता को मिलेगा। यह फैसला एक नए राजस्थान के निर्माण की दिशा का कदम है। आने वाले समय में और जिले बने इसका भी एक प्रावधान रखा जाना चाहिए ताकि जनता की मांग को लेकर निर्णय किया जा सके।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान के लिए आज बहुत बड़ा दिन है क्योंकि आज राजस्थान 19 जिलों के बाद 50 जिलों का हो गया है राजस्थान के मौजूदा परिप्रेक्ष्य में जिले का क्षेत्र बहुत बड़ा होता था, जिसमें कलेक्टर के लिए 24 घंटे का समय भी कम पड़ता है। ऐसे में इसकी बहुत जरूरत थी, मैं अजमेर और बूंदी में जिला कलेक्टर रही हूं इस चीज को मुझे फेस करना पड़ा है जिले के सभी क्षेत्रों का दौरा करना संभव नहीं हो पाता था इसका एक और नुकसान होता था कि जिले के लोगों को योजनाओं का सही ढंग से लाभ नहीं मिल पाता था। इन जिलों के गठन से राजस्थान एक गुड गवर्नेंस का मॉडल बनकर उभरेगा। साथ ही जमीन संबंधी, दीवानी संबंधी मामले, धन की बचत कई माइनों में इन जिलों का लोगों को फायदा मिलेगा। साथ ही कानून व्यवस्था को बेहतर करने में इसका फायदा मिलेगा। नए जिलों के मुख्यालयों के पास नए उद्योग लगेंगे रोजगार के अवसर प्रदान होंगे लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
एसीएस राजस्व अर्पणा अरोड़ा ने कहा कि राजस्थान में 19 जिले गठन के बाद 50 जिले हो गए हैं मुख्यमंत्री ने बजट में इसकी घोषणा की थी इन जिलों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था अमेठी में विभिन्न पहलुओं पर अपनी रिपोर्ट दी थी कमेटी की सरकार को 2 अगस्त को रिपोर्ट मिली थी उसका आज कैबिनेट में अनुमोदन किया गया है।

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