देश में दबाई जा रही विपक्षी नेताओं की आवाज: गहलोत
विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर विदेशी नेताओं को विपक्ष के नेता से नहीं मिलने देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात रोकना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। गहलोत ने याद दिलाया कि नेहरू से मनमोहन सिंह तक विदेशी नेता दोनों पक्षों से मिलते थे, पर यह परंपरा अब टूट रही है।
जयपुर: विदेशी नेताओं को नेता प्रतिपक्ष से नहीं मिलने देने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। गहलोत ने कहा है कि देश में लगातार विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। विदेश के नेताओं को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से न मिलने देना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। लोकतंत्र में प्रतिपक्ष की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है, शब्द ' प्रतिपक्ष ' के अपने आप में मायने हैं।
पंडित नेहरू के जमाने से ही डॉ. मनमोहन सिंह के समय तक कोई भी विदेशी नेता आते तो वो दोनों पक्षों से मिलने के लिए स्वतंत्र होते थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समय जब 2010 में तब के अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा भारत आए थे तब नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से सुषमा स्वराज ने उनसे मुलाकात की थी। विपक्ष का होना देश के स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है, दुखद है कि मोदी सरकार इस परम्परा को नहीं मान रही है यह इस लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

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