एसआई पेपर लीक : 3 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर और डमी कैंडिडेट वीडीओ गिरफ्तार, सेल्फ सरेंडर की अपील
राजस्थान पुलिस भर्ती-2021 मामले में अब तक 137 आरोपी पकड़े
उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक प्रकरण में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप ने कार्रवाई कर तीन ट्रेनी सब इंस्पेक्टर और डमी कैंडिडेट वीडीओ को गिरफ्तार किया है। एडीजी विशाल बंसल ने बताया कि जांच के बाद तीन प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और एक प्रशिक्षु की जगह परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी ग्राम विकास अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है।
जयपुर। उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक प्रकरण में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने कार्रवाई कर तीन ट्रेनी सब इंस्पेक्टर और डमी कैंडिडेट वीडीओ को गिरफ्तार किया है। एडीजी विशाल बंसल ने बताया कि जांच के बाद तीन प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और एक प्रशिक्षु की जगह परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी ग्राम विकास अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है।
एफएसएल जांच में खुला डमी कैंडिडेट का खेल
डीआईजी एसओजी परिस देशमुख के नेतृत्व में टीम ने आरपीएससी के रिकॉर्ड का विस्तृत विश्लेषण किया, जिसके बाद 10 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के रिकॉर्ड संदिग्ध पाए गए। इनमें से तीन के लिखित परीक्षा दस्तावेजों पर हस्तलेख और हस्ताक्षरों का मिलान एफएसएल से कराया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट असमानता सामने आई, जिसने यह प्रमाणित कर दिया कि तीनों ने अवैध रूप से डमी अभ्यर्थियों को बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण की थी। गिरफ्तार किए गए प्रशिक्षु उपनिरीक्षक कुणाल चौधरी (30) निवासी झंवर जोधपुर (मेरिट 234, राजसमंद), चूनाराम जाट (30) निवासी करड़ा जालौर (मेरिट 251, उदयपुर) और अशोक कुमार खिलेरी (30) निवासी एकरड़ा जालोर (मेरिट 154, उदयपुर) है। इन तीनों को शनिवार को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है। इसके अलावा प्रशिक्षु कुणाल चौधरी के स्थान पर लिखित परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी अशोक कुमार खींचड़ (30) निवासी बज्जू बीकानेर हाल ग्राम विकास अधिकारी बज्जू को भी रविवार को गिरफ्तार किया गया है।
137 गिरफ्तारियां, जांच जारी
इस प्रकरण में अब तक कुल 137 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 63 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और 6 चयनित उपनिरीक्षक शामिल हैं। एसओजी वर्तमान में शेष दो प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों से पूछताछ कर रही है, ताकि उनके लिए परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थियों की पहचान हो सके।
समर्पण की अपील
एडीजी बंसल ने प्रशिक्षणरत सभी प्रशिक्षुओं से अपील की है कि यदि उन्होंने किसी भी स्तर पर अनुचित साधनों का प्रयोग किया है, तो वे कानूनी प्रक्रिया को आसान बनाने और अपने हित में स्वयं आगे आकर एसओजी को अवगत कराते हुए समर्पण करें। एसओजी की ओर से प्रशिक्षण और चयन से संबंधित रिकॉर्ड का सत्यापन लगातार जारी रहेगा और संदिग्धता सामने आते ही अन्य संलिप्त अभियुक्तों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।

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