राजस्थान राज्य मानवधिकार आयोग द्वारा आयोजित इंटर्नशिप का समापन
राष्ट्रीय स्तरीय इंटर्नशिप कार्यक्रम 12 फरवरी से 5 मार्च तक चला
कार्यक्रम को कार्डिनेट एवं संचालन डॉ संध्याक यादव, अतिरिक्तक पुलिस अधीक्षक, आयोग के द्वारा किया गया।
जयपुर। विधि विद्यार्थियों के लिए राजस्थान राज्य मानव मानवाधिकार आयोग द्वारा 12 फरवरी से प्रारम्भ 15 दिवसीय इंटर्नशिप कार्यक्रम का शासन सचिवालय में समापन हुआ। समापन समारोह की अध्यक्षता आयोग के सदस्य न्यायाधिपति रामचंद्र सिंह झाला ने की। इस अवसर पर आयोग के सदस्य अशोक कुमार गुप्ता, अतिरिक्तप महानिदेशक पुलिस श्री सुष्मित विश्वास, रजिस्ट्रार श्री संजय कुमार उपस्थित रहे। न्यायाधिपति झाला ने इस अवसर पर मौजूद विधि विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विधि के विद्यार्थी जब वकील बनें तो गरीबों की सेवा को प्राथमिकता दें व जीवन में बडे लक्ष्यद और उददेश्य् को लेकर चलना चाहिए। जस्टिस झाला ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए एडीजी और उनकी टीम को बधाई दी तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम में इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुष्मित विश्वास ने विधि विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जेल में विचाराधीन एवं सजा काट रहे कैदियों के साथ जातिगत आधार पर हो रहे असमान व्यवहार एवं कार्य विभाजन की अमानवीयता को रोकने के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्णय की महत्वपूर्ण जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्तरीय इंटर्नशिप कार्यक्रम 12 फरवरी से 5 मार्च तक चला। इस इंटर्नशिप कार्यक्रम में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा राज्यों के विभिन्न विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के विधि संकाय के विधि विद्यार्थी शामिल हुए। इन्हें आयोग के निर्धारित मापदंड के आधार पर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। इंटर्नशिप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फॉरेंसिक साइंस, क्रिमिनल जस्टिस, एंटी डोपिंग, साइबर क्राइम, मानसिक स्वास्थ्य आदि विभिन्न समसामयिक विषयों को शामिल किया गया। कुल 32 विषय विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए जिसमें विषेश उल्लेखनीय है की भारत के दो रैमन मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त करनें वाले सामाजिक कार्यकता श्रीमति अरुणा रॉय ने सूचना का अधिकार मनरेगा आदि विषयों पर एवं बेजवाड़ा विल्सन ने मैनुअल स्कैवेंजिंग पर व्याख्यान दिये। समापन कार्यक्रम में इंटर्नशिप में आये विद्यार्थियों को तीन ग्रुप में विभाजित कर उनसे अलग—अलग विषयों पर प्रोजेक्ट प्रेजेन्टेशन लिया गया और उनमें से विजेता का चयन भी किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायाधिपति श्री आर सी झाला ने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए तथा शामिल सभी विधि के विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए। कार्यक्रम को कार्डिनेट एवं संचालन डॉ संध्याक यादव, अतिरिक्तक पुलिस अधीक्षक, आयोग के द्वारा किया गया।
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