जीवन की सार्थकता दूसरों के सुख के लिए काम करने में: बागडे
अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन ने व्यापारियों को किया सम्मानित
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा है कि सभी अपने लिए करते हैं, लेकिन जीवन की सार्थकता तभी है, जब हम दूसरों के सुख और संतोष के लिए भी कार्य करें
जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा है कि सभी अपने लिए करते हैं, लेकिन जीवन की सार्थकता तभी है, जब हम दूसरों के सुख और संतोष के लिए भी कार्य करें। उन्होंने जयपुर को धर्म और अध्यात्म की छोटी काशी बताते हुए कहा कि यहां सामूहिक रूप में उत्सव मनाने की परंपरा रही है। बागड़े शनिवार को अन्तरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन की ओर से आयोजित समारोह में दीपावली पर गुलाबी नगर की रोशनी और साज-सज्जा में विभिन्न श्रेणियों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले बाजारों और प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों को नारायण सिंह सर्किल स्थित भट्टारक जी की नसियां में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सबकी दीपावली में अपनी दीपावली मनाएं। जो असमर्थ हैं, उनके सहयोग के लिए कोई संगठन बने। गरीब और कमजोर कल्याण के साथ उनके यहां भी पर्व की रोशनी हो, ऐसी व्यवस्था सबको मिलकर करनी चाहिए। उन्होंने वैश्य समाज को भामाशाह परम्परा से जुड़ा समाज बताते हुए कहा कि देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का महती कार्य इसी समुदाय द्वारा सर्वाधिक किया गया है। आरम्भ में अन्तर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश प्रभारी धु्रवदास अग्रवाल ने विभिन्न स्तरों पर किए जाने वाले संगठन के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
वैश्य समाज का देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान
फेडरेशन के राजस्थान इकाई अध्यक्ष एनके गुप्ता, महामंत्री गोपाल गुप्ता ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में वैश्य समाज का सबसे अधिक योगदान है। देश के विकास के लिए सबसे अधिक इन्कम टैक्स, समाज के विकास में अस्पताल, धर्मशाला, स्कूल सहित अन्य विकास के कार्यों में वैश्य समाज आगे बढ़कर सहयोग करता है। उन्होंने वैश्य समाज को एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि समाज के लोगों ने सामाजिक, राजनीतिक,आर्थिक,राजनीतिक और ब्यूरोकैसी में अच्छा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राइजिंग राजस्थान से प्रदेश का तेजी से विकास होगा। इस अवसर पर कैट के महासचिव हेमन्त प्रभाकर भी उपस्थित थे।
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