जनसुनवाई में अन्नदाता किसानों की समस्याओं का हो रहा त्वरित निस्तारण : दुग्ध उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़- भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता से किसानों को मिल रही राहत
जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के सदस्यों को पिछले कुछ माह से मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत अनुदानित राशि का हस्तांतरण दुग्ध उत्पादकों के खाते में नहीं हो पा रहा था।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि दुग्ध उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हमारी सरकार पशुपालकों के हितों को सर्वोपरि मानती है और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। दुग्ध उत्पादन से न केवल ग्रामीण अंचल में रोजगार सृजन होता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। मुख्यमंत्री स्वयं भी किसान रहे हैं ऐसे में वे किसानों और पशुपालकों के सामने आ रही परेशानियों को भली भांति समझते हैं। राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए बजटों में किसान-पशुपालक के लिए ऐसे समस्त प्रावधान किए गए हैं, जिससे किसान समृद्ध तथा सशक्त बन सकें।
लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाही
सीएम की नियमित जनसुनवाई भी किसानों के लिए अपनी समस्या के समाधान का जरिया बन रही है। हजारों की संख्या में आमजन जनसुनवाई में अपनी फरियाद लेकर आते हैं तथा मुख्यमंत्री संवेदनशीलता से इनका त्वरित निस्तारण कर रहे हैं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
साढ़े चार लाख किसान पशुपालक हुए लाभान्वित
जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के सदस्यों को पिछले कुछ माह से मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत अनुदानित राशि का हस्तांतरण दुग्ध उत्पादकों के खाते में नहीं हो पा रहा था। इस पर संचालक मंडल के सदस्यों ने जनसुनवाई में मुख्यमंत्री के पास आकर अपनी पीड़ा बताई। मुख्यमंत्री ने इस पर त्वरित निर्णय लेते हुए अधिकारियों को प्रदेश के किसानों को बकाया अनुदान का भुगतान करने के निर्देश दिए। इस पर प्रदेश के सभी किसान पशुपालकों को मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत अनुदान राशि का हस्तांतरण सीधे उनके खाते में कर दिया गया है। लगभग 4.50 लाख किसान पशुपालक मुख्यमंत्री के इस निर्णय से लाभान्वित हुए। अन्नदाता किसान को सशक्त बनाने के इन निर्णर्यों से आत्मनिर्भर राजस्थान की नींव को मजबूती मिलेगी।
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