प्रशासन की अनदेखी : हॉस्टलों और पीजी में नहीं लगे हैं एंटी हैंगिंग डिवाइस, अभिभावकों की चिंता का कारण
उपकरण पंखे और छत के बीच लगाया जाता है
जयपुर प्रशासन भी कोटा की तर्ज पर एंटी हैंगिंग डिवाइस को अनिवार्य करे और हर हॉस्टल व पीजी में इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित कराए, ताकि भविष्य में कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं हो।
जयपुर। प्रदेशभर से आए नीट और जेईई जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लाखों छात्रों के लिए जयपुर शिक्षा का केंद्र बन चुका है। जयपुर को सीए की तैयारी का गढ़ माना जाता है। यहां विभिन्न कोचिंग संस्थानों में करीब 1.5 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। लेकिन प्रदेशभर में आत्महत्या की संख्या में हो रही बढ़ोतरी अभिभावकों की चिंता का कारण बनी हुई है। जयपुर में छात्रों की मानसिक सुरक्षा के लिए जरूरी एहतियाती कदम अब तक पर्याप्त रूप से नहीं उठाया गया है। बीते वर्षों में कोटा सहित प्रदेश के कई शहरों में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बाद कोटा प्रशासन ने साल 2023 में सभी पीजी और हॉस्टल में एंटी हैंगिंग डिवाइस को अनिवार्य कर दिया था। यह उपकरण पंखे और छत के बीच लगाया जाता है।
इसके भीतर एक स्प्रिंग सिस्टम होता है, जो 20 किलो से अधिक भार पड़ने पर पंखे को नीचे खिसका देता है और अलार्म बजने लगता है, जिससे आसपास के लोग सतर्क हो जाते हैं और किसी बड़ी दुर्घटना को रोका जा सकता है। लेकिन जयपुर में अभी तक अधिकांश हॉस्टलों और पीजी में इस सुरक्षा उपकरण की व्यवस्था नहीं की गई है। यह प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। कोटा में हादसों के बावजूद जयपुर में सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही है। छात्रों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए अब समय आ गया है कि जयपुर प्रशासन भी कोटा की तर्ज पर एंटी हैंगिंग डिवाइस को अनिवार्य करे और हर हॉस्टल व पीजी में इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित कराए, ताकि भविष्य में कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं हो।
कैसे काम करता है एंटी हैंगिंग डिवाइस
एंटी हैंगिंग डिवाइस एक रॉड होती है जो छत में लगे हुक से लेकर पंखे के ऊपरी परत तक लगती है। इस रॉड के बीच में जॉइंट आता है। जिसके अंदर स्प्रिंग होता है। जैसे ही 20 किलो से ज्यादा वजन पंखे पर पड़ता है, तो पंखा नीचे लटक जाता है। जैसे ही पंखा नीचे लटकता है वह बिल्कुल एकदम से नहीं गिरता स्प्रिंग से धीरे-धीरे नीचे आता है जिससे किसी को चोट लगने का खतरा नहीं रहता। इसलिए इसे एंटी हैंगिंग डिवाइस कहा जाता है। कमरे में सुसाइड को रोकने के लिए एंटी हैंगिंग डिवाइस को पंखों पर लगाया जाता है। इसका आइडिया वर्ष 2017 में पहली बार आया था। जिसके बाद साल 2023 में हॉस्टल और पीजी कमरों में पंखे पर एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाया गया।
हमारे पीजी में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगा हुआ है। सरकार को विद्यार्थियों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। एंटी-हैंगिग डिवाइस लगने से हमारे परिवार वालों को भी हमारी चिंता कम होगी।
- अर्पित कुमार, नीट अभ्यर्थी
हम अपने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए यहां पढ़ने के लिए भेजते हैं। अगर उनके हॉस्टल में एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगा रहेगा तो हम भी चैन की नींद सो पाएंगे। प्रशासन को बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
- ललिता देवी, अभिभावक
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