अब बिना रेडिएशन और बेहतर परिणाम से होगी हार्ट की 3डी मैपिंग, अरिद्मिया का सटीक इलाज
शून्य रेडिएशन, अधिक सुरक्षा
इटर्नल हॉस्पिटल में राजस्थान की पहली अत्याधुनिक इलेक्ट्रोफिज़ियोलॉजी लैब शुरू हुई है जिसमें यह तकनीक उपलब्ध होगी।
जयपुर। करीब 5 प्रतिशत आम जनता में हृदय की अनियंत्रित धड़कन की गंभीर बीमारी अरिद्मिया के मरीज हैं। इनमें से 11 प्रतिशत पुरुष और 9 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु इस बीमारी के कारण हो जाती है। जयपुर में अब नवीनतम तकनीक से इस बीमारी का सटीक इलाज संभव होगा। इसके लिए राजस्थान में पहली बार इनसाइट एक्स तकनीक आ गई है जो दिल की धड़कनों से जुड़ी सबसे जटिल बीमारियों की पहचान न केवल सटीकता से करेगी, बल्कि उनका उपचार भी बिना किसी रेडिएशन के, कम समय में और अधिक सफलता के साथ होगा। इटर्नल हॉस्पिटल में राजस्थान की पहली अत्याधुनिक इलेक्ट्रोफिज़ियोलॉजी लैब शुरू हुई है जिसमें यह तकनीक उपलब्ध होगी।
अरिद्मिया की जड़ तक पहुंचने वाली तकनीक
ईटरनल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ ने बताया, "इनसाइट एक्स तकनीक से हमें हृदय के उस विशेष स्थान का सटीक पता चलता है, जहां से असामान्य धड़कन उत्पन्न हो रही है। इससे हम अरिद्मिया जैसे घातक रोगों का अत्यधिक सटीकता से इलाज कर सकते हैं। यह तकनीक विशेष रूप से एट्रियल फिब्रिलेशन, वेंट्रिकुलर टैकिकार्डिया और एट्रियल फ्लोटर जैसे रोगों में कारगर सिद्ध हो रही है।
शून्य रेडिएशन, अधिक सुरक्षा
हॉस्पिटल के डायरेक्टर इलेक्ट्रोफिजिलॉजी एंड हार्ट फेलियर डॉ. कुश कुमार भगत ने बताया, "इनसाइट एक्स तकनीक से अब हम बिना किसी रेडिएशन के 3डी मैपिंग कर सकते हैं। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं में यह तकनीक वरदान बनकर आई है, क्योंकि भारत में लगभग 2% प्रेग्नेंसी मामलों में अरिद्मिया की समस्या पाई जाती है। अब हम उन्हें बिना जोखिम के सफलतापूर्वक उपचार दे सकते हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक से प्रोसीजर टाइम भी काफी घट गया है, जिससे मरीजों की रिकवरी और परिणाम दोनों बेहतर हुए हैं।
Comment List