खाचरियावास के आवास पर ईडी की कार्रवाई के विरोध में बोले कांग्रेस नेता : भाजपा के खिलाफ मुखर रहने के कारण दी ईडी ने दस्तक, गहलोत ने कहा- वह कांग्रेस के बब्बर शेर, डरेंगे नहीं
बदले की भावना से की गई इस कार्रवाई की मैं कड़ी निंदा करता हूं
केवल प्रताड़ित करने के उद्देश्य से 12 अगस्त 2020 को 7-8 घंटे लम्बी पूछताछ की थी, क्योंकि वो राजस्थान की भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं, तो फिर से ईडी ने दस्तक दे दी है।
जयपुर। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर ईडी की कार्रवाई के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कार्रवाई बताया है। गहलोत ने कहा कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता खाचरियावास के निवास पर ईडी की रेड की कार्रवाई निंदनीय है। 2020 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराने के प्रयास के समय भाजपा का मुखरता से विरोध करने पर खाचरियावास से ईडी ने केवल प्रताड़ित करने के उद्देश्य से 12 अगस्त 2020 को 7-8 घंटे लम्बी पूछताछ की थी, क्योंकि वो राजस्थान की भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं, तो फिर से ईडी ने दस्तक दे दी है।
विधानसभा चुनाव से पहले हमारे प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा के घर, तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के घर भी राजनीतिक उद्देश्य से ईडी ने छापे मारे थे। तब भी ईडी एक्सपोज हुई थी। अब केंद्रीय जांच एजेंसियों की विपक्ष के नेताओं पर ऐसी कार्रवाई से किसी को भी अचंभा नहीं होता है। इन एजेंसियों का पूरा राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है और आम जनता के बीच भी यह साफ होता जा रहा है कि कांग्रेस के नेताओं को राजनीतिक लाभ के लिए टारगेट किया जाता है। पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा ने कहा कि क्योंकि प्रताप सिंह खाचरियावास भाजपा सरकार द्वारा आईफा के नाच गाने में उड़ाए 100 करोड़ रुपए पर तीखे सवाल पूछ रहे हैं। क्योंकि जयपुर का बेटा उन 100 करोड़ रुपए के लिए सवाल पूछ रहा है, जो कांग्रेस सरकार ने आराध्य देव गोविन्द देव जी के मंदिर कॉरिडोर व भव्यता के घोषित किए थे।क्योंकि खाचरियावास चुनाव हारने के बाद जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं, हर मुद्दे पर सरकार को आईना दिखा रहे हैं। बदले की भावना से की गई इस कार्रवाई की मैं कड़ी निंदा करता हूं।
खाचरियावास कांग्रेस के बब्बर शेर हैं। डरेंगे नहीं, डटकर लड़ेंगे और जीतेंगे। भाजपा ने ईडी को अपना फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन बना लिया है। आज सरकारी एजेंसियों का काम सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और जनता की बात करने वाले नेताओं को डराने-धमकाने का रह गया है। पिछले 11 वर्ष में मोदी सरकार ने भाजपा के कितने नेताओं पर ईडी की कार्रवाई की। सिर्फ विपक्ष के नेताओं को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है। भाजपा ने जिन नेताओं को भ्रष्टाचारी बताया, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद क्या उन 'भ्रष्टाचारी' नेताओं पर सरकार ने कार्रवाई की। सत्ता की गोद में बैठने वाले कितने नेताओं पर कार्रवाई हुई?
सरकार जवाब दें। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मुखरता से भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसी से डरकर भाजपा सरकार ने केन्द्रीय एजेंसियों को उनके घर भेज दिया है। 2020 में भी उन्हें इसी तरह परेशान करने का प्रयास हुआ था। खाचरियावास के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से की जा रही यह कार्रवाई निंदनीय है। पायलट ने कहा है कि खाचरियावास के निवास पर की गई ईडी की कार्रवाई सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाती है। जिस प्रकार से विपक्ष के नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह साफ संकेत है कि राजनीतिक प्रतिशोध लिया जा रहा है। हमारा लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास है और संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। जनता के हक और आवाज़ को बुलंद करने के लिए कांग्रेस मजबूती से खड़ी रहेगी।
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