महाकुंभ को केवल रील्स में नहीं, बल्कि रियल लाइफ में देखा जाना चाहिए : धीरेन्द्र शास्त्री
महाकुंभ को बताया सनातन धर्म की अद्भुत प्रकृति का प्रतीक
आज वहां रिसर्च का बहुत बड़ा केन्द्र है 40 करोड़ लोगो का मैनेजमेंट कैसे हो रहा है ये बहुत बड़ा और रिसर्च का विषय है।
जोधपुर। उम्मेद भवन पैलेस में बडे बिजनेसमैन की बेटी के विवाह समारोह में शामिल होने बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर मोगड़ा गौ सेवा धाम के गौभक्त व कथावाचक पंडित हेमंत महाराज ने उनका स्वागत किया। शास्त्री ने उम्मेद भवन पैलेस में वर-वधु को आशीर्वाद दिया। इससे पूर्व धीरेन्द्र शास्त्री ने एयरपोर्ट पर आए अपने भक्तों को भी आशीर्वाद दिया। शास्त्री ने महाकुंभ को सनातन धर्म की अद्भुत प्रकृति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, महाकुंभ को केवल रील्स में नहीं, बल्कि रियल लाइफ में देखा जाना चाहिए। इसमें हजारों साधु-संत शामिल होते हैं, जो सनातन धर्म को जीवित रखने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन रील्स में महाकुंभ को कुछ ही व्यक्तियों तक सीमित कर दिया जाता है। शास्त्री ने एयरपोर्ट पर कहा कि महाकुंभ भारतीय सनातन संस्कृति की एकता और भव्यता का प्रतीक है। यह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोगों को आकर्षित करता है। स्टीव जॉब्स की पत्नी कमला और फ्रांसीसी नागरिक भी यहां डुबकी लगाने आते हैं। इसके अलावा, अमेरिका से भी लोग इस महाकुंभ में भाग लेने के लिए आते हैं।
यह समरसता का प्रतीक है, क्योंकि सनातन धर्म सबको अपनी बाहों में समाहित करता है, जबकि अन्य धर्मों में ऐसा नहीं होता। महाकुंभ में युवतियों की वायरल वीडियो सवाल पर शास्त्री ने कहा, वर्तमान समय में महाकुंभ अपने मुद्दे से भटक रहा है। वे चिंतित हैं कि आजकल कुंभ के बारे में केवल कुछ युवतियों और बाबाओं पर चर्चा की जा रही है, जबकि महाकुंभ का असली उद्देश्य सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार है। महाकुंभ इस बात के लिए लगाया गया है हमारी संस्कृति का प्रचार हो, सनातन का प्रचार हो और भी तो साधु संत हैं लेकिन उस युवतियों पर ही क्यों रील टिकी है। आज वहां रिसर्च का बहुत बड़ा केन्द्र है 40 करोड़ लोगो का मैनेजमेंट कैसे हो रहा है ये बहुत बड़ा और रिसर्च का विषय है।
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