लेडी सिंघम के साय में महफूज बेटियां, मनचलों में खौफ
बालिकाओं व महिलाओं की हमदर्द बनी कोटा पुलिस की महिला कमांडो
यह कमांडों, घर-परिवार की जिम्मेदारी के साथ अपना फर्ज भी शिद्दत से निभा रहीं हैं।
कोटा। जोश और जुनून से लबरेज कोटा पुलिस की महिला कमांडो के अद्म्य साहस के साय में देशभर से आने वाली बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं। नीली वर्दी में यह महिला कमांडों जब सड़कों पर उतरती हैं तो मनचले भी कांप उठते हैं। यहां बात हो रही है, कोटा पुलिस की अभया महिला कमांडो की। यह कमांडों, घर-परिवार की जिम्मेदारी के साथ अपना फर्ज भी शिद्दत से निभा रहीं हैं। अपने सख्त अंदाज, अनुशासन, निडर-निर्भय व दबंग स्वभाव से कोचिंग छात्राओं के बीच लेडी सिंगम के रूप में पहचानी जाती हैं। यह न केवल छात्राओं को आत्मरक्षा करना सीखा रही बल्कि असमाजिक तत्वों को कॉर्लर से घसीट सलाखों तक भी पहुंचा रहीं हैं। पेश है खास रिपोर्ट........
वीआईपी सुरक्षा घेरे में घुसे नेताओं को खींच कर किया बाहर
महिला कमांडो सोनिया बतातीं हैं, वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कोटा दौरे पर आईं थीं। मैं, वीआईपी सिक्योरिटी में तैनात थी। सीएम मैडम को एयरपोर्ट से सर्किट हाउस ले जा रहे थे। नयापुरा में कुछ राजनेता व कार्यकर्ता बार-बार सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें रोका तो वे झगड़े पर उतारू हो गए। ट्रांसफर व देख लेने की धमकियां देने लगे। बदतमीजी बढ़ने लगी तो उन्हें घसीट कर सुरक्षा घेरे से बाहर कर पुलिस के हवाले किया।
लड़कियों को कट मारा तो पहुंचाया हवालात
किशोर सागर तालाब की पाल पर कुछ मनचले मोडिफाईड पावर बाइक पर हुडदंग मचा रहे थे। लड़कियों को कट मार परेशान कर रहे थे। अभिभावकों से अभद्रता कर रहे थे। इस पर मैं और मेरी टीम ने तुरंत मनचलों को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर हवालात में पहुंचाया। सोनिया व उनकी टीम अब तक 20 से 25 हजार बालिकाओं-महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रैनिंग दे चुकी हैं।
300 मीटर दौड़कर पकड़े नशेड़ी
गीता गुर्जर करीब पांच साल से अभया कमांड फोर्स में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि कुछ माह पहले तलवंडी में एक कोचिंग के पास पार्क में चार युवकों के नशा करने व लड़कियों को छेड़ने की शिकायत मिली थी। इस पर हम 4 कमांडों मौके पर पहुंची तो वे हमें देखकर भागे। हम भी पीछे दौड़े, एक को शर्ट से पकड़ा तो वह शर्ट खोल भाग गया। मैं भी पीछे दौड़ी, करीब 300 मीटर दौड़कर उसे पकड़ लिया। वहीं, हमारी टीम मेंबर ने दो जनों को पकड़ा। इस तरह चार में से तीन नशेड़ियों को दबोचा। बाद में थाने से गाड़ी बुलाकर पुलिस के हवाले किया। गीता कहतीं हैं, परिवार में बच्चे हैं, पति नौकरी में हैं, जो अजमेर रहते हैं। ऐसे में समस्याएं तो आती हैं लेकिन पड़ोसियों व हमारी महिला कमांडों के सहयोग से मैनेज कर लेते हैं।
युवक-युवती को सुसाइड करने से बचाया
अभया कमांडो हर मोड पर बेटियों की मदद कर रही हैं। मनचलों को सबक सीखाने से लेकर जान तक बचा रही हैं। कमांडो रामप्रकाशी मालव अपनी टीम के साथ चंबल गार्डन व सुसाइड प्वाइंट पर तैनात रहती हैं। कमांडो मालव कहती हैं, दस दिन पहले कराई के बालाजी के पास सुसाइड प्वाइंट पर युवक-युवती चंबल नदी के ऊपर चट्टान पर बैठे थे, किसी बात से दुखी लग रहे थे, आंखों में आंसू थे। बात करने पर वह घबरा गए। हमने विश्वास में लेकर काउंसलिंग की और समझाइश कर घर भेजा। बाद में उनके अभिभावकों को स्थिति से अवगत कराया। इसी तरह चंबल गार्डन में एक कोचिंग छात्रा मायूस बैठी थी। जिससे बात की तो वह रो पड़ी। कारण जाना तो वह पढ़ाई के तनाव में थी। गलत कदम उठाने की आशंका थी। उसकी बात सुन समझाइश की।
हुडदंग मचाते मनचलों को सिखाया सबक
कमांडो अनिता मालव ने पावर बाइक पर हुड़दंग मचाते मनचलों को हवालात तक पहुंचाया। वहीं, कई पावर बाइर्स का चालान बनाकर सबक सिखाया। मालव कहती हैं, गत माह सीएडी सर्किल से चंबल गार्डन रोड, जवाहर नगर से दादाबाड़ी रोड पर कुछ युवक तेज आवाज वाली पावर बाइक दौड़ा रहे थे, राहगीरों के पास से तेज हॉर्न लगाकर भागते थे। जिससे हादसे का खतरा बना रहता था। ऐसे बाइकर्स का पीछा कर पकड़ा और उनका चालान बनवाया। इन कार्यों के अलावा महिला कमांडो गर्ल्स हॉस्टल में सर्वे भी करती हैं। छात्राओं से हॉस्टल की सुविधाएं, कोचिंग में पढ़ाई, सहित कई मुद्दों पर बात कर समाधान करती हैं। पुलिस की नौकरी और परिवार दोनों के लिए अपना बेहतर देने का प्रयास करती हूं। इसमें परिवार का पूरा सहयोग मिलता है।
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