पर्यटकों को तरसती डीजे व रेस्टोरेंट बोट, शहर के बीच ही नहीं आ रहे पर्यटक

सेवन वंडर्स से किशोर सागर तालाब में चल रही हैं ये बोट

पर्यटकों को तरसती डीजे व रेस्टोरेंट बोट, शहर के बीच ही नहीं आ रहे पर्यटक

औद्योगिक से शिक्षा और अब पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हो रहे कोटा शहर में एक तरफ तो नए-नए पर्यटन स्थलों का विकास व निर्माण कर विदेशी पर्यटकों के कोटा आने की संभावना जताई जा रही है।

कोटा। औद्योगिक से शिक्षा और अब पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हो रहे कोटा शहर में एक तरफ तो नए-नए पर्यटन स्थलों का विकास व निर्माण कर विदेशी पर्यटकों के कोटा आने की संभावना जताई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ शहर के बीच किशोर सागर तालाब में चल रही डीजे व रेस्टोरेंट बोट ही पर्यटकों को तरस रही है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जहां कोटा शहर को स्मार्ट बनाने का दावा किया जा रहा था। वह तो पूरा नहीं हो सका। वहीं अब शहर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने का दावा किया जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां नए-नए पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे है। चम्बल नदी के किनारे रिवर फ्रंट का निर्माण किया गया। आईएल फैक्ट्री परिसर में ऑक्सीजोन सिटी पार्क का निर्माण किया गया। सेवन वंडर्स पार्क बनाया गया। गणेश उद्यान समेत कई अन्य विकास कार्य भी करवाए गए। लेकिन उसके बाद भी यहां जितने विदेशी व बाहरी पर्यटक आने चाहिए थे वह नहीं आ पाए। 

शहर के बीच ही नहीं आ रहे पर्यटक
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन नगर विकास न्यास की ओर से शहर के बीच किशोर सागर तालाब में डीजे साउंड वाली और रेस्टोरेंट वाली बड़ी बोट शुरु की गई थी। इन बोट का संचालन सेवन वंडर्स पार्क से किया जा रहा है। लेकिन हालत यह है कि शुरुआत में तो इन बोट में पर्यटक आए। लेकिन वर्तमान में दोनों ही बोट पर्यटकों को तरस रही है। दोनों बोट की जितनी क्षमता है उससे काफी कम पर्यटक इनमें सैर कर रहे हैं। पहले जहां शाम से रात तक तालाब में बोट का डीजे साउंड दूर से ही सुनाई देता था उसकी आवाज भी कम हो गई है। 

250 व 350 रुपए है किराया
केडीए की ओर से इन बोट का संचालन संवेदक के माध्यम से किया जा रहा है। हालांकि तालाब में बारहद्वारी की तरफ से भी छोटी मोटर बोट चल रही है। उनमें तो फिर भी लोग सैर कर रहे हैं। जबकि दोनों बड़ी बोट में कम लोग जा रहे है। जबकि डीजे साउंड सिस्टम वाली बोट का किराया प्रति व्यक्ति प्रति चक्कर 250 रुपए और रेस्टोरेंट बोट का किराया 350 रुपए है। रेस्टोरेंट बोट में फास्ट फूड और कैफे टेरिया की सुविधा है। 

40 से 60 मिनट का चक्कर
बोट का संचालन करने वाले बनवारी ने बताया कि दोनों बोट की बैठक क्षमता 20 से 30 की है। एक बोट का चक्कर 40 मिनट व दूसरी का 60 मिनट का है। निर्धारित किराए में पर्यटकों को तालाब का चक्कर लगवाया जाता है। इन बोट में लोग डीजे साउंड होने से पार्टी का आयोजन कर सकते हैं। लेकिन हालत यह है कि इन बोट में शुरुआत से ही पर्यटकों की संख्या कम रही है। अभी गर्मी के सीजन में शाम 6 से 7 बजे बाद लोग आते हैं। जबकि दिनभर खाली बैठे रहते हैं। 

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सेवन वंडर्स में ही कम आ रहे पर्यटक
संवेदक का कहना है कि बोट का संचालन सेवन वंडर्स पार्क से किया जा रहा है।  बोटिंग का समय तो सुबह 10 से रात 10 बजे तक का है। अभी तो गर्मी अधिक है इस कारण से शाम तक तो कोई नहीं आता। शाम के बाद भी गिनती के ही लोग बोट में बैठ रहे है। इसका कारण सेवन वंडर्स में ही लोग बहुत कम आ रहे है। उनका आरोप है कि यहां पिछले कई दिन से लाइटें बंद रहने से अंधेरा छाया हुआ है। व्यवस्थाएं सही नहीं होने व पार्क पर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं होने से जब पार्क में ही लोग कम आ रहे हैं तो बोट में लोगों की संख्या कम रहना स्वाभाविक है। पर्यटकों व लोगों के कम आने से  बोट के गिनती के ही चक्कर लग रहे हैं। संवेदक का कहना है कि शहर के बीच केएसटी ऐसी जगह हैं जहां यदि अधिकारी ध्यानं दे तो  पर्यटक अधिक आ सकते हैं। साथ ही टूरिस्ट गाइड को भी इस तरफ पर्यटकों को लाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

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गर्मी की छुट्टियों में आएंगे लोग
इधर कोटा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि केडीए ने तालाब में बोटिंग की सुविधा शुरु की है। बोट का संचालन संवेदक के माध्यम से किया जा रहा है। यह सुविधा शहर के बीच है। लेकिन हो सकता है अभी गर्मी अधिक होने व स्कूलों में अवकाश नहीं होने से पर्यटक व स्थानीय लोगों की संख्या कम हो। लेकिन कुछ समय बाद स्कूलों में ग्रीष्म कालीन अवकाश शुरु होने वाले हैं। उसके बाद स्थानीय और बाहर से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

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किराया अधिक होने से हिम्मत नहीं होती
तालाब में बोटिंग की सुविधा तो अच्छी है। लेकिन उनका किराया बहुत अधिक है। परिवार के दो से तीन सदस्य भी यदि एक बार जाएंगे तो एक से डेढ़ हजार रुपए तो किराए में ही लग जाएंगे। कोटा जैसे शहर में इतना अधिक किराया देना हर किसी के लिए संभव नहीं है। छोटी बोट का किराया कम होने से लोग उनमें ही जाते हैं। बाहर से आने वाले लोगों के लिए यह आकर्षण हो सकता है। लेकिन स्थानीय लोगों के लिए महंगा सौदा है। 
- शंकर सुमन, नयापुरा

पार्क में हो पर्याप्त रोशनी
तालाब में बोटिंग की सुविधा तो अच्छी है। लेकिन इसके लिए पहले सेवन वंडर्स जाना पड़ता है। वहां दस रुपए का टिकट लेकर जाने के बाद अंदर घूमेंगे तभी तो बोट में बैठ पाएंगे। लेकिन सेवन वंडर्स पार्क में ही शाम के समय अंधेरा रहता है। ऐसे में वहां परिवार व बच्चों के साथ जाने में ही डर लगता है। पार्क में रोशनी की पर्याप्त सुविधा हो तो बोट में भी लोग बैठेंगे।
- सीमा माखीजा, सिंधी कॉलोनी

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