बूंदी रोड से नयापुरा जाना है तो 450 मीटर का काटो चक्कर
महाराणा प्रताप चौराहे पर बनाया जा रहा 15 करोड़ का रोटरी फ्लाई ओवर, नयापुरा से बूंदी रोड पर अब नहीं जा सकेंगे सीधे
नयापुरा से बूंदी रोड पर और बूंदी रोड से नयापुरा तक जाने वाले वाहन अभी महाराणा प्रताप सर्किल से सीधे निकल रहे थे। लेकिन अब कुछ समय बाद ऐसा संभव नहीं होगा। इसके लिए लोगों को सर्किल के 450 मीटर लम्बे फ्लाई ओवर का चक्कर काटना पड़ेगा।
कोटा । नयापुरा से बूंदी रोड पर और बूंदी रोड से नयापुरा तक जाने वाले वाहन अभी महाराणा प्रताप सर्किल से सीधे निकल रहे थे। लेकिन अब कुछ समय बाद ऐसा संभव नहीं होगा। इसके लिए लोगों को सर्किल के 450 मीटर लम्बे फ्लाई ओवर का चक्कर काटना पड़ेगा। यह संभव होगा नगर विकास न्यास द्वारा महाराणा प्रताप चौराहे पर करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जा रहे रोटरी फ्लाई ओवर के कारण। बूंदी रोड स्थित महाराणा प्रताप सर्किल पर ट्रैफिक की समस्या का समाधान करने के लिए न्यास द्वारा यहां रोटरी फ्लाई ओवर का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन हालत यह है कि अभी तक जो लोग इस चौराहे से आसानी से सीधे निकल रहे थे। उन्हें अब वहां से जबरन घूमकर निकलना होगा। नयापुरा से बूंदी रोड पर जाने वाले वाहन अब सीधे नहीं जाकर चम्बल की पुरानी बड़ी पुलिया से वी मार्ट के सामने से होकर फ्लाई ओवर के चक्कर लगाकर पेट्रोल पम्प के पास से बूंदी रोड पर जा सकेंगे। वहीं बूंदी रोड से नयापुरा जाने वाले वाहन बूंदी रोड आरओबी से उतरकर फ्लाई ओवर पर चढ़ेंगे। उसके बाद महाराणा प्रताप सर्किल के ऊपर बने 450 मीटर लम्बे फ्लाई ओवर का चक्कर काटेंगे। आगे जकर मोड़ पर घूमेंगे और महाराणा प्रताप की मूर्ति के चक्कर लगाकर वापस नीचे उतरेंगे। उसके बाद चम्बल की नई पुलिया से नयापुरा की तरफ जा सकेंगे। यदि कोई वाहन फ्लाई ओवर पर नहीं चढ़ सका और एप्रोच रोड पर चला गया तब भी वह सीधा नयापुरा नहीं जा सकेगा। उसे सर्किल से आईलैंड के चक्कर लगाकर बालिता रोड की तरफ जाकर वहां से घूमकर वापस चम्बल की नई पुलिया पर आना होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सर्किल पर फ्लाई ओवर के नीचे एक आईलैंड बनाया जाएगा। जिससे उसका चककर लगाना मजबूरी होगी। फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य दिसम्बर 2021 में शुरू हुआ था। जिसके इसी साल नवम्बर तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है। तीन महीने बाद लोगों को इस परेशानी का सामना करना पड़ेगा। महाराणा प्रताप को पहुंचाया 53 फीट पर चौराहे के एक तरफ कुन्हाड़ी मोड पर महाराणा प्रताप की मूर्ति लगी हुई थी। जिससे इस चौराहे को महाराणा प्रताप चौराहे के नाम से जाना जाता है। इस चौराहे पर लगी 4.50 मीटर की मूर्ति को जबरन ऊंचा करने के लिए उसका 38 फीट का पैडस्टल बनाया गया है। जिससे इस मूर्ति की ऊंचाई 53 फीट पर पहुंचा दी है। ऐसे में प्रताप जयंती पर कोई भी उनका माल्यार्पण तक नहीं कर पाएगा। ट्रैफिक सुधार से अधिक फसाड़ पर खर्चा जानकारों के अनुसार नगर विकास न्यास द्वारा महाराणा प्रताप सर्किल पर ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के नाम पर यहां करीब 34 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जिनमें से मात्र 15 करोड़ रुपए तो फ्लाई ओवर के निर्माण पर खर्च होंगे। शेष राशि इस चौराहे के आस-पास के भवनों के फसाड़ को ठीक करने, उन्हें सजाने, लाइटिंग करने और महाराणा प्रताप की मूर्ति के पैडस्टल को ऊचा करने में खर्च किए जा रहे हैं। दोनों पुलियाओं के नीचे अंडरपास बनाया गया है। जिससे नयापुरा से कुन्हाड़े जाने वाले और कुन्हाड़ी से बालिता जाने वाले वाहन इस अंडरपास से निकल सकेंगे। लेकिन हालत यह है कि रियासतकालीन पुलिया ही क्षतिग्रस्त हो रही है। जिससे लोगों को उसका भी लाभ नहीं मिल रहा है। लोगों का कहना है कि इस फ्लाई ओवर के बनने से जनता को कम और संवेदक को अधिक लाभ होगा। यह फ्लाई ओवर भी 7.50 मीटर चौड़ा नगर विकास न्यास द्वारा बनाया जा रहा यह फ्लाई ओवर भी 7.50 मीटर चौड़ा होगा। इसकी सड़क दो लेन की होगी। लेकिन इस पर सिर्फ बूंदी रोड से नयापुरा की तरफ जाने वाले वाहन ही एक तरफा निकल सकेंगे। इस फलाई ओवर के अधिकतम ऊंचाई बीच से 6 मीटर यानि 18 फीट है। इस फ्लाई ओवर व चौराहे का काम बीकानेर कीे फर्म कर रही है। न्यास सचिव ने नहीं दिया जवाब फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य कब तक पूरा होने और फ्लाई ओवर पर हादसों की आशंका के बारे में जानने के लिए नगर विकास न्यास सचिव को वाट्सअप पर मैसेज किया गया। लेकिन उन्होंने देखने व पढ़ने के बाद भी उसका जवाब नहीं दिया। सुविधा कम और परेशानी अधिक महाराणा प्रताप चौराहे पर फ्लाई ओवर बनाने का कोई औचित्य नहीं है। इसके बनने से सीधा जाने वाला ट्रैफिक चंद कदम की दूरी को जबरन 450 मीटर के फलाई ओवर पर चढ़कर घूमकर पार करेगा। इससे अनजान व्यक्ति के बाहर से आने पर ऊपर जाकर चक्कर घिन्नी होने पर हादसे का भी खतरा है। साथ ही पेट्रोल व समय दोनों की अधिक खपत होगी। जिससे जनता को सुविधा कम और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ो। - बृजराज सिंह महाराणा प्रताप चौराहे पर फलाई ओवर का निर्माण बिना किसी प्लानिंग के किया जा रहा है। लोगों को जबरन फ्लाई ओवर पर चढाने और मोड़ पर घुमाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। फ्लाई ओवर बनाना था तो सीधा बनता। या फिर इसे कुन्हाड़ी की तरफ उतारना चाहिए था। - विजय मित्तल महाराणा प्रताप चौराहे पर ट्रैफिक आसानी से निकल रहा था। यदि कोई समस्या थी तो उसका समाधान किया जा सकता था। लेकिन फ्लाई ओवर बनाना कोई समाधान नहीं है। यह जनता के धन की बर्बादी है। इससे हादसे अधिक होंगे और लोगों को जबरन घूमना पड़ेगा। एरोड्राम अंडरपास की तरफ की परेशानी इस चौराहे पर भी लोगों को भुगतनी पड़ेगी। - राकेश जांगिड़

Comment List