शॉपिग सेंटर पीएचसी की छत से गिरा प्लास्टर, बाल बाल बचे मरीज
जनप्रतिनिधि तक मरम्मत की लगा चुके गुहार
अस्पतालों के भवनों की खस्ताहाल हालत पर विभाग का ध्यान नहीं है जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ी हुई है।
कोटा। शहर बाजार के बीच में बना शॉपिग सेंटर अस्पताल अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। बुधवार को भी छत से प्लास्टर गिरने से मरीज चोटिल होते होते बचे। पिछले दो साल से इस पीएचसी की छत से प्लास्टर गिर रहा है। लेकिन इसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। पिछले साल कुछ बजट देकर छत के गड्डे भरकर इतिश्री कर ली गई। लोगों कहना है कि शहरवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाए देने के लिए विभिन्न स्थानों पर प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोल रखे हैं जिससे मरीजों को बडेÞ अस्पताल तक जाने की दौड़ बच जाए लेकिन शहर के अधिकांश पीएचसी पर प्राथमिक उपचार की ही सुविधा है। अस्पतालों के भवनों की खस्ताहाल हालत पर विभाग का ध्यान नहीं है जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ी हुई है।
बरसों पुरानी छत को मरम्मत की दरकार
शहर के शॉपिंग सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बरसों से भवन की मरम्मत नहीं होने से छतों से प्लास्टर गिर रहा है। वहीं बारिश शुरू होने के साथ छत से जगह जगह पानी टपकने लग जाता है। गंदे पानी की निकासी के चेंबर नहीं होने से सारा पानी अस्पताल परिसर में जमा हो जाता जिससे मरीजों को अस्पताल में पहुंचने में परेशानी होती है। अस्पताल की मरम्मत से लेकर सुविधा बढ़ाने के लिए कई बार सीएमएचओ से लेकर जनप्रतिनिधियों तक अस्पताल प्रभारी ने गुहार लगा दी लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। हर बार आश्वासन का झुनझुना देकर इतिश्री कर ली जाती है।
जहां जांच वहीं टूटा प्लास्टर, दीवारों पर लग रही फंगस
शॉपिग सेंटर अस्पताल के लेब में चहुंओर दीवारों पर सीलन आ रही है। दीवारों पर ब्लैक फंगस लगी हुई है। ऐसे में लेब जांच से ज्यादा संक्रमण दे रही है। चहुंओर सीलन की बदबू से यहां काम करने वाले लेब टेक्नीशियन परेशान रहते है।
टीकाकरण केंद्र कक्ष में गिर रहा प्लास्टर
शॉपिंग सेंटर अस्पताल के टीकाकरण केंद्र कक्ष छत का जगह-जगह से प्लास्टर गिर रहा है। ऐसे में कभी बड़ा हादसा होने का अंदेशा सदैव बना रहता है। इस कक्ष में गर्भवती महिलाओं, बच्चों को वैक्सीन लगाई जाती है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज यहां आते है। जर्जर होती छत से आए दिन प्लास्टर गिर रहा है। ये तो गनिमत रहती है अभी तक जितनी बार प्लास्टर गिरा मरीज बच गए। नहीं तो किसी मरीज के सिर पर गिरा होता हो बड़ी दुर्घटना हो जाती।
इंजेक्शन रूम बदहाल
अस्पताल के इंग्जेक्शन रूम में भी सीलन और प्लास्टर गिरा हुआ है। नि:शुल्क दवा केंद्र की छत से प्लास्टर गिर रहा है। पानी की निकासी नहीं होने से परिसर में पानी भर जाता है।
अस्पताल की छोटी बड़ी मरम्मत अस्पताल अनटाइल फंड से करा सकता है। पूरी छत का प्लास्टर गिर रहा हैतो इसके लिए पीएचसी प्रभारी लिखित में सीएमएचओ कार्यालय में दे इसके अलावा बड़े कार्य के लिए एनएच विंग में लिखित में देवे। इसके लिए जयपुर से स्वीकृति लेनी होगी।
- डॉ.जगदीश कुमार सोनी, सीएमएचओ
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