स्नेक पार्क और पक्षी शाला को है आबाद होने का इंतजार
सीजेड की स्वीकृति के बाद भी अभी तक न पक्षी आए और न ही स्नेक
पक्षियों को लाने में कुछ समस्याएं हैं उनका समाधान किया जा रहा है। उसके बाद जल्दी ही पक्षियों को यहां लाया जाएगा।
कोटा । शिक्षा नगरी कोटा में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास तो किए जा रहे है लेकिन उन्हें धरातल पर उतारने में समय अधिक लग रहा है। पिछली कांग्रेस सरकार के समय में शहर में दो बड़े प्रोजेक्ट आॅक्सीजोन की पक्षीशाला व बूंदी रोड पर स्नेक पार्क। दोनों में सीजेड से स्वीकृति मिलने के बाद भी अभी तक न तो पक्षी आए और न ही स्नेक। तत्कालीन नगर विकास न्यास(वर्तमान मेंकेडीए) की ओर से करीब 120 करोड़ रुपए की लागत से झालावाड़ रोड पर आईएल की जगह पर आॅक्सीजोन सिटी पार्क का निर्माण कराया गया। 71 एकड़ में बने इस पार्क में जहां करीब डेढ़ से दो लाख छोटे-बड़े विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए। वहीं मनोरंजन का भी ध्यान रखा गया। कैनाल में बोटिंग, खानपान की सुविधा, झूले, ओपन जिम समेत सभी कुछ बनाया गया। साथ ही अंडाकार आकार में विशाल एविएयरी(पक्षी शाला) बनाई गई। यह इतनी बड़ी है कि सड़क से और दूर से ही नजर आ जाती है। इस पर की गई लाइटिंग रात के समय अपनी अलग ही छटा बिखेरती दिखती है। इस पक्षी शाला में देशी विदेशी पक्षियों को लाना था। उनके हिसाब से इसका आकार व अंदर का वातावरण तैयार किया गया है। जिससे लोग यहां रखे पक्षियों को देख सकें। लेकिन हालत यह है कि पार्क का उद्घाटन होने के सवा साल बाद और सेंट्रल जू अथोरिटी(सीजेड) से पक्षियों को लाने की स्वीकृति मिलने के बाद भी अभी तक पक्षी नहीं आएं है। जिससे यह सुनसान पड़ी है। यहां घूमने आने वालों का कहना है कि बिना पक्षियों के पक्षी शाला का आनंद नहीं है। जब एक अच्छी चीज बनी है तो उसका उपयोग होना चाहिए। इधर केडीए अधिकारियों का कहना है कि पक्षियों को लाने की सीजेड से अनुमति को मिल गई है। पक्षियों को लाने में कुछ समस्याएं हैं उनका समाधान किया जा रहा है। उसके बाद जल्दी ही पक्षियों को यहां लाया जाएगा।
अब तक तो स्नेक आ जाने चाहिए थे
सर्प विशेषज्ञ विनीत महोबिया ने बताया कि कोटा वासियों के साथ ही सर्प पर रिसर्च करने वालों के लिए यह बहुत ही बेहतर चीज चनी है। सीजेड से स्वीकृति मिले हुए एक साल से अधिक का समय हो गया है। अब तक तो देश के कई राज्यों के स्नेक पार्क से यहां स्नेक लाने है। इस संबंध में केडीए अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। लेकिन देरी का कारण पता नहीं चल रहा। इधर केडीए अधिकारियों का कहना है कि स्नेक पार्क में देशी विदेशी प्रजातियों के स्नेक लाने है। जिन स्नेक पार्क से स्नेक यहां लाने हैं उनके संबंध में सक्षम स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। शीघ्र ही स्नेक को स्नेक पार्क में लाया जाएगा।
एक साल पहले मिल चुकी स्वीकृति
स्नेक पार्क में स्नेक लाने और इसे शुरु करने के लिए सीजेड से करीब एक साल पहले दिसम्बर 2023 में स्वीकृति मिल चुकी है। इसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि यहां जल्दी ही स्नेक आ जाएंगे। जिससे इसे चालू कर दिया जाएगा। लेकिन हालत यह है कि स्वीकृति मिलने के एक साल बाद भी अभी तक यहां स्नेक नहीं आने से इसे शुरु नहीं किया जा सका है।
स्नेक पार्क को मिली सीजेड से अनुमति
इधर नगर विकास न्यास द्वारा बूंदी रोड पर हर्बल पार्क के पास राज्य का पहला स्नेक पार्क बनाया गया है। करीब 7 करोड़ से अधिक की लागत से यह पार्क वर्ष 2021 में ही बनकर तैयार हो गया था। इस पार्क में देशी विदेशी 33 प्रजातियों के करीब 200 तरह से सर्प लाए जाने है। पार्क बनने के बाद भी अभी तक इसे चालू नहीं किया गया है। कई साल तक तो यहां स् नेक लाने के लिए सेंट्रल जू अथोरिटी(सीजेड) की अनुमति का इंतजार किया गया। केन्द्र से इसकी अनुमति ही नहीं मिल रही थी। जबकि राज्य सरकार के वन विभाग के माध्यम से सीजेड से स्वीकृति के लिए आवेदन किया गया था।
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