कीचड़ में बिक रहा गुलाब-मोगरा और फलों का राजा आम

थोक फल-सब्जीमंडी के यार्ड-2 में गंदगी के बीच लगती है फूल मंडी, चारों तरफ कीचड़, पैदल चलना भी मुश्किल

कीचड़ में बिक रहा गुलाब-मोगरा और फलों का राजा आम

थोक फल-सब्जीमंडी के यार्ड-2 में चल रही फूलमंडी बदहाली का शिकार हो रही है। सीसी सड़क के अभाव में चारों तरफ बारिश से गंदगी का ढेर लगा है। आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है।

 कोटा ।  थोक फल-सब्जीमंडी के यार्ड-2 में चल रही फूलमंडी बदहाली का शिकार हो रही है। सीसी सड़क के अभाव में चारों तरफ बारिश से गंदगी का ढेर लगा  है। आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है।  जगह-जगह कीचड़ के बीच गुलाब, मोगरा, हजारा, गेंदा सहित विभिन्न किस्मों के फूल बिक रहे हैं। मंडी प्रशासन द्वारा लंबे समय से यहां सफाई नहीं करवाई गई। जगह-जगह जलभराव होने से खतरनाक बीमारियों का लार्वा पनप रहा है। ठेले पर फल बेचने वाले माशाखोर खराब होती सब्जियां फूल मंडी के पास फेंक जाते हैं। जिससे पूरी मंडी में बदबू फैली रहती है। हालात यह हैं, यहां पैदल चलना तो दूर बाइक से भी जाना मुश्किल हो रहा है। गंदगी के कारण ग्राहक भी फूल लेने यहां आना पसंद नहीं करते। जिसका खामियाजा आर्थिक नुकसान के रूप में फूल व्यापारियों को भुगतना पड़ता है।

कीचड़ में बैठकर बेचते हैं गुलाब-मोगरा
फूल मंडी में कारोबार के लिए यार्ड दो को अधिकृत किया हुआ है। यहां सुबह 5 बजे से ही कारोबारी गतिविधियां शुरू हो जाती है जो 11 बजे तक जारी रहती है। मंडी परिसर में सीसी नहीं होने से बारिश में कीचड़ व गंदगी का ढेर लग जाता है। वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ग्राहक यहां आना पसंद नहीं करता। मंडी प्रशासन की लापरवाही से फूल विक्रेताओं को कीचड़ व गंदगी में बैठकर  कारोबार करना पड़ता है। शहरवासियों को भी इसी कीचड़ से होकर फूल खरीदने पड़ते हंै। इससे यहां की गंदगी उनके घरों में बीमारियों के रूप में प्रवेश कर रही है।

बीमारियों का रहता है खतरा
फूल मंडी में बरसाती पानी भरा हुआ है। कीचड़ व गंदगी के बीच ही फूलों की ही बिक्री होती है। शहर सहित ग्रामीणों इलाकों से लोग फूल बेचने आते हैं। यहां गुलाब, मोगरा, हजारा, नौरंगा, गेंदा व गोठी सहित विभिन्न तरह के फूल 10 से 50 रूपए किलो बिक रहे हैं। कोटा-बूंदी रोड स्थित नौताड़ा भोपत से फूल बेचने आए मोहनलाल कहते हैं, इस यार्ड में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। चारों तरफ का गंदगी फैली हुई है। बारिश से बचने की जगह तक नहीं है। जगह जगह जलभराव होने से मच्छर पनप रहे हैं। जिससे व्यापारी व ग्राहक दोनों को ही बीमारियों का खतरा रहता है।

सड़क पर टमाटर, भिंडी, गोभी
मंडी गेट के बाहर सड़क पर माशाखोर सब्जियां बेच रहे हैं। यहां 40 रुपए किलो भिंडी, टमाटर, गोभी व 30 रुपए किलो कटेल बिक रही है। सब्जी विक्रेता ने बताया कि मंडी में जगह ही नहीं है। कीचड़ के बीच ही सब्जीमंडी लग रही है। सड़े फल व सब्जियों में पानी भरा होने से दुर्गंध फैली रहती है। ऐसी स्थिति में ही काम करना मजबूरी बनी हुई है।

आम की पेटियों से भरा यार्ड-एक
थोक फल सब्जीमंडी में इन दिनों आम की जबरदस्त आवक हो रही है। व्यापारी शाकिर वारसी ने बताया कि यहां रोजाना आम के 3 से 4 ट्रक यूपी कानपुर के मालियाबाद से आते हैं। सबसे ज्यादा दसेरी आम बिक रहा है। यार्ड एक के अधिकतर शेड आम की पेटियों से भरे पड़े हैं। यहां सफाई नहीं होने से गंदगी का ढेर लगा रहता है। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने से जगह-जगह जल भराव हो रहा है। जिनमें मच्छर पनप रहे हैं। गंदगी के बीच व्यापार करना मजबूरी बनी हुई है।

यार्ड-2 में संचालित फूल मंडी में पहले माशाखोरों का अतिक्रमण था। एक-डेढ़ साल पहले हमने यहां से अतिक्रमण हटाया था। इससे नाराज माशाखोर मामले को हाईकोर्ट ले गए। कोर्ट से यथास्थिति का आदेश है। ऐसे में हम यहां सीसी नहीं करवा सकते। ऐसे में यहां कीचड़ की समस्या तो रहेगी।
- हेमलता मीणा, मंडी सचिव

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