महिला को उठा ले गया पैंथर, झाड़ियों में मिला शव

आए दिन हो रहीं घटनाओं से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ जताया आक्रोश

महिला को उठा ले गया पैंथर, झाड़ियों में मिला शव

शहर-देहात के आबादी क्षेत्र में विचरण कर रहे पैंथर के लगातार मानव हमले काफी बढ़ गए हैं और इसके तहत सोमवार दोपहर में बीड़ में बकरियां चरा रही महिला का पैंथर ने शिकार कर लिया।

राजसमंद। शहर-देहात के आबादी क्षेत्र में विचरण कर रहे पैंथर के लगातार मानव हमले काफी बढ़ गए हैं और इसके तहत सोमवार दोपहर में बीड़ में बकरियां चरा रही महिला का पैंथर ने शिकार कर लिया। घटना के बाद साथ में आई अन्य बच्ची की चीख व चिल्लाने पर ग्रामीण आए, तब तक पैंथर ने उसे मार डाला।

उपवन संरक्षक सुदर्शन शर्मा ने बताया कि भील बस्ती, काना तालाब मोरवड़ निवासी रकमादेवी (35) पत्नी रामु गमेती बोरज ग्राम पंचायत के अण्डेला (खारण्डिया भील बस्ती के पास क्षेत्र में बकरियां चरा रही थी, तभी मार्बल लफरों से निकल कर आए पैंथर अचानक हमला कर दिया। महिला को घसीटकर झाडिय़ों में ले गया। तभी उसके साथ बकरियां चराने में साथ बच्ची चीखी और भागते हुए ग्रामीणों व परिजनों को सूचना दी। इस पर बड़ी तादाद में ग्रामीण, मार्बल माइंस मालिक व श्रमिक पहुंच गए। बाद में सूचना पर राजसमंद से वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में लेते हुए घटना स्थल का मुआयना किया। वन विभाग के सतर्कता दल द्वारा ग्रामीणों व माइंस पर कार्य करने वाले लोगों को भी सतर्क व सावधान रहने के लिए नसीहत दी जा रही है। साथ ही वन विभाग द्वारा मौके पर पिंजरा रखवाया गया। बताया गया कि पैंथर उसे घसीटकर झाडिय़ों में ले गया, जिससे महिला लहुलूहान होकर शव क्षत विक्षत हो गया और उसके पहने कपड़े भी फट गए।

मुआवजे की मांग पर मोर्चरी में जमा हुए ग्रामीण
पैंथर के हमले में मृत विधवा रकमादेवी गमेती की मौत के बाद पिछे उसके नाबालिग पांच बच्चे है, उनका पालन पोषण करने वाला कोई नहीं है। इसके अलावा क्षेत्र में आए दिने हो रहें पैंथर के हमले को लेकर ग्रामीणों ने वन विभाग व आप्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीण आरके अस्पताल की मोर्चरी पहुंच गए और मृतका के परिवार को आर्थिक मुआवजा देने तथा परिवार के एक सदस्यों को नौकरी देने की मांग पर अड़ गए। सूचना पर कांकरोली सीआई हनवंतसिंह सौढ़ा, उपवन संरक्षक सुदर्शन शर्मा मोर्चरी परिसर में पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से समझाईश की। इसके बाद उपवन संरक्षक सुदर्शन शर्मा द्वारा नियमों के अनुसार मृतक परिवार को पांच लाख रूपये का आर्थिक मुआवाजा, बच्चों को पालनहार योजना के अंतर्गत जोडऩे तथा पीएम आवास योजना में घर स्वीकृत कराने तथा एक बच्चे को दैनिक मानदेय पर नौकरी देने के आश्वासन पर प्रदर्शन कारी शांत हुए। उसके बाद शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। अब रात होने के चलते शव का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान महेन्द्रसिंह चौहान, पिपलांत्री पूर्व सरपंच श्यामसुन्दर पालीवाल, बोरज पूर्व सरपंच निर्भयसिंह चौहान, डूगरसिंह चौहान, भील समाज के उदयलाल भील, गंगाराम भील, भंवरलाल भील सहित समाजजन व ग्रामीण मौजूद थे।

आए दिन हो रहें है पैंथर के हमले
खारण्डिया भील बस्ती के पास अंडेला में पैंथर का शिकार हुई महिला के शव को आरके जिला चिकित्सालय के मोर्चरी में रखवाया गया। उसके बाद पुठोल, मुंडोल, बोरज व पिपलांत्री पंचायतों से सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण पहुंच गए। दो माह में पैंथर के हमले से चार लोगों की मौत और 15 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बावजूद पैंथर को नहीं पकडऩे की बात को लेकर ग्रामीण उग्र हो गए। जिला अस्पताल में एकत्रित लोगों ने शव नहीं उठाने दिया। विवाद बढऩे पर वन विभाग के उपवन संरक्षक सुदर्शन शर्मा अस्पताल के मोर्चरी में पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने घेराव करते हुए आक्रोश जताया। शाम सात बजे तक भी गतिरोध बना रहा। उसके बाद मांगों पर सहमती जताने एवं आश्वासन के बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ। इधर, ग्रामीणों की भीड़ मोर्चरी में पहुंचने के बाद कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए राजनगर व कांकरोली थाने से विशेष पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया। राजनगर थाना प्रभारी रमेश मीणा, कांकरोली थाना प्रभारी हनवंतसिंह सोढा मौके पर पहुंचे और समझाइश की। 

पीएम की चल रहीं थी कार्यवाही, तभी पहुंच गए ग्रामीण
राजनगर थाना प्रभारी रमेश मीणा ने बताया कि काना तालाब, मोरवड़ निवासी रूकमा बाई (35) पत्नी रामा गमेती की पैंथर के हमले में मौतू हो गई। घटना के बाद वन विभाग व पुलिस मौके पर पहुंची और शव को जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया, जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई चल रही थी, तभी पिपलांत्री, पुठोल, मुंडोल व बोरज पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण पहुंच गए और मोर्चरी से शव नहीं उठाने दिया। ग्रामीणों का कहना था कि आए दिन पैंथर लोगों पर हमले कर रहे हैं और यह चौथी मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन पैंथर को पकड़ क्यों नहीं रहा है। ग्रामीण बोले कि अब ग्रामीणों के लिए खेत व बीड़ में जाना भी मुश्किल हो गया है। पहले तो रात में ही पैंथर हमला करता था, लेकिन अब तक पैंथर आबादी क्षेत्र में दिन में भी दिखाई देता है और अब चलते दुपहिया वाहन चालकों पर हमला कर रहा है। पूर्व सरपंच श्यामसुंदर पालीवाल, महेन्द्रसिंह खारंडिया ने कहा कि बार-बार ग्रामीण पैंथर पकडऩे के लिए कह रहे हैं, लेकिन वन विभाग द्वारा कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा है। इस पर उपवन संरक्षक सुदर्शन शर्मा मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे से समझाइश के प्रयास किए, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि मौखिक तौर पर झूठे आश्वासन हमें नहीं चाहिए, हमें प्रशासन लिखित में दें कि यह कार्रवाई करेंगे और इतने दिन में पैंथर को पकड़ लेंगे। चारों पंचायतों के लोग जिला अस्पताल के मोर्चरी के बाहर एकित्रत थे। 

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दो माह में तीसरी बड़ी घटना
उल्लेखनीय है कि राजसमंद में पिछले दो माह की समयाविध में यह तीसरी बड़ी घटना हो गई। इससे पहले देलवाड़ा के पास एक महिला के बच्ची को उठा ले गया था, जबकि बोरज का खेड़ा में एक युवक का अपना निवाला बना लिया। उसके बाद भी बोरज, मुंडोल क्षेत्र में आए दिन पैंथर वाहन चालकों व पैदल राहगीरों पर हमला कर रहा है, जिसको लेकर बोरज सरपंच डिम्पल कंवर, वार्डपंच डूंगरसिंह, महेन्द्रसिंह चौहान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने वन विभाग के उपवन संरक्षक से लेकर जिला कलक्टर तक को शिकायत कर दी, लेकिन पैंथर को पकडऩे के कोई प्रयास नहीं हुए।

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पैंथर बन गया नरभक्षी
ग्रामीणों का कहना था कि पैंथर नरभक्षी हो चुका है, जो इंसानों पर हमले कर रहा है। इसी के तहत अब यह पैंथर ने दिनदहाड़े अण्डेला क्षेत्र में बकरियां चरा रही महिला पर हमला कर उसे मार डाला। घटना को लेकर लोगों में दहशत व्याप्त है। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सुनसान व जंगली इलाकों में जाने को मना किया है साथ ही कहा कि सतर्क व सावधान रहे।

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पति की पहले ही हो चुकी है मौत
विधवा रकमादेवी गमेती के पहले रामा गमेती की छह-सात वर्ष पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। परिवार में उसके तीन बेटे व दो बेटियां है। वह बकरियों का पालन कर घर गुजारा चला रही थी और उसके बेटे मजदूरी करते हैं। मॉ की मौत हो जाने के बाद उनके पालन पोषण पर संकट खड़ा हो गया है। 

दो माह पहले किया था युवक का शिकार
बोरज गांव के एक युवक का भी 18 जून 2024 को पैंथर शिकार कर दिया, जिसका क्षत विक्षत शव 23 जून शाम को बरामद हुआ। राजनगर थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा, लेकिन अभी तक उस मामले में भी पैंथर का पता नहीं चल पाया। इससे पहले देलवाड़ा कस्बे में भी मासूम बच्ची को पैंथर रात को उठा ले गया। इस तरह पैंथर के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे लोगों में डर व दहशत व्याप्त हो गया है। इसके बाद पुठोल निवासी 43 वर्षीय रणसिंह मुंदावत पुत्र हमेरसिंह मोरवड़ व उमठी क्षेत्र में चलने वाले ट्रेलर पर खलासी का कार्य करता है। इसके तहत वह उमठी में ट्रेलर पर खलासी का काम कर 28 जून को रात करीब साढ़े दस से ग्यारह बजे पैदल अपने घर व गांव पुठोल लौट रहा था। उसी दौरान उमठी से पिपलांत्री मार्ग पर पृथ्वीराज चौहान चौराहे के पास पैंथर ने उस पर हमला कर दिया। उसे बुरी तरह से नोच डाला, तभी पीछे से एक ट्रेलर आयाए जिसे देखकर पैंथर जंगल की तरफ भाग खड़ा हुआ। फिर ट्रेलर चालक व अन्य लोगों के चीखने चिल्लाने पर पैंथर वापस नहीं आया।

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