जागो सरकार: एक तरफ स्कूल तो दूसरी तरफ शराब की दुकान
धड़ल्ले से शराब व अण्डे की दुकानें चालू
आबकारी विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते सोप उप तहसील मुख्यालय क्षेत्र में शराब का कारोबार बढ़ता जा रहा है। शराब की दुकान को बंद करवाने के लिए कई बार ग्रामीणों ओर अभिभावकों की ओर से शिकायतें भी की जा चुकी है।
सोप। आबकारी विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते सोप उप तहसील मुख्यालय क्षेत्र में शराब का कारोबार बढ़ता जा रहा है। शराब की दुकान को बंद करवाने के लिए कई बार ग्रामीणों ओर अभिभावकों की ओर से शिकायतें भी की जा चुकी है। लेकिन प्रभावी कार्रवाई के अभाव में स्थिति जस की तस बनी रहने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। वहीं प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से शराब बेचने वाले के हौसले बुलंद है। शराब विक्रेताओ का धंधा आसानी से फल-फूल रहा है।यहां के शराब विक्रेताओं में कानून का डर नहीं है।
विभाग के अधिकारियों का आशीर्वाद है तो फिर क्या, जहां चाहे शराब की दुकान खोल लें। चाहे वह किसी धामिक स्थल के सामने हो या फिर किसी स्कूल के पास। इससे क्या फर्क पड़ता है। सोप कस्बे में संचालित डी.एल.पब्लिक स्कूल के प्रिंसीपल ने जिला आबकारी अधिकारी एवं उप पुलिस अधीक्षक उनियारा वृत्त को शिकायत देकर स्कूल के समीप चल रहे शराब के ठेके को हटाने की मांग की है। विद्यालय के पास शराब का ठेका संचालित होने से दिनभर शराबियों को जमावड़ा रहता है। जिससे वहां पढ़ने वाले बच्चों पर भी गलत प्रभाव पड़ रहा है। छात्राओं को भी शराबियों के डर से अभिभावक स्कूल भेजने से भी डर रहे हैं। मंडावरा रास्ते के पर स्कूल के पास चल रहे शराब के ठेके को हटवाने की मांग की है।सोप कस्बे में शराब की दुकान हैं जो स्कूल के पास संचालित हो रही हैं जबकि नियम के तहत इन दुकान को किसी भी ऐसे स्थान से 100 मीटर दूर होना चाहिए। निजी प्राइवेट स्कूल, के पास शराब दुकान धड़ल्ले से चल रही हैं।डी एल पब्लिक विद्यालय है। जो इसी स्थान पर पांच वर्षों से चल रहा है यहां रोजाना शराब के नशे में धुत लोगों के बीच से छात्र-छात्राओं को आना-जाना पड़ता है। स्कूल के संचालक व प्रधानाचार्य लोकेश सैनी ने उनियारा वृत्त उप पुलिस अधीक्षक व जिला आबकारी अधिकारी टोंक को शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
प्रधानाचार्य लोकेश सैनी ने शिकायत में बताया है कि डी. एल. पब्लिक स्कूल गत पांच वर्षों से अलिगढ़ रोड मंडावरा रास्ते के पास संचालित हो रहा है।इस वर्ष कुछ असामाजिक तत्वों ने उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर हमारे विद्यालय के निकट लोकेशन पास करवा ली है और अब यहां शराब की दुकान संचालन कर रहे हैं। यह शराब का ठेका रात्रि दस बजे तक संचालित रहता है। शराबी शराब की बोतलों को बच्चों के आने जाने वाले रास्ते में फोड़ जाते हैं।जिससे आते दिन बच्चों के पेरो में कांच लगने की घटनाएं होती रहती हैं। शराबी सुबह 7 बजे से ही विद्यालय के सामने बैठकर शराब पिना शुरू कर देते हैं और विधार्थी विद्यालय आते हैं। तो शराबी बच्चियों को घुरते रहते हैं इन सब बातों से हमारे विद्यालय के विघार्थियों पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है।ओर हमें भय बना रहता है कि कोई शराबी किसी बच्चे का अपरहण ना कर ले।
सौ मीटर के दायरे में दुकान खोलने की अनुमति नहीं: आबकारी अधिनियम के अनुसार 100 मीटर के दायरे में अगर मंदिर और शासकीय स्कूल व कार्यालय हैं तो ऐसे में शराब की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। मद्य निषेध अधिनियम के तहत तो 100 मीटर की दूरी पर पान, बीड़ी व सिगरेट की दुकान खुलने तक की अनुमति नहीं है। इस बाबत सोप कस्बे में संचालित शराब दुकान के सेल्समैन से विद्यालय से महज स्कूल के पास शराब की दुकान संचालन करने से संबंधित जानकारी ली तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि आबकारी विभाग की जांच पड़ताल और आदेश के बाद ही यह दुकान खोली गई है।
जिला आबकारी अधिकारी टोक शिव कुमार से इस सम्बंध में जानकारी लेने पर उन्होंने बताया है कि स्कूल के पास शराब दुकान संचालित होने के मामले की अभी मुझे कोई शिकायत नहीं मिली है। शिक्षा विभाग से लोकेशन मिलने के बाद ही शराब दुकान खोलने की परमीशन दी जाती है। अगर स्कूल के पास अवैध शराब की दुकान संचालित हो रही है तो शिकायत मिलने पर कारवाई की जायेगी।

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