ट्रेड डील पर फंसा बड़ा पेच : किसानों के लिए अमेरिका डाल रहा दबाव, वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं किसान
भारत-अमेरिका ट्रेड डील में जीएम फसलों पर टकराव
वॉशिंगटन में भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में अड़चन आ गई है। अमेरिका जीएम सोयाबीन और मक्का के आयात की मांग कर रहा है, जबकि भारत ने इसे अपनी ‘रेड लाइन’ बताते हुए साफ इनकार किया है। ट्रंप समर्थक किसान भारतीय बाजार खोलने का दबाव बना रहे हैं।
वॉशिंगटन। अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील को लेकर चल रही बातचीत में एक बड़ा पेच फंस गया है। अमेरिका ने दावा किया था कि उसे भारत की ओर से अब तक का सबसे अच्छा ऑफर मिला है। इसके बाद भी अब अमेरिका अपनी ऐसी शर्त मानने के लिए दबाव डाल रहा है जिसके लिए भारत किसी भी तरह से तैयार नहीं है। दरअसल, अमेरिका चाहता है कि भारत अमेरिकी किसानों के पैदा किए सोयाबीन और मक्का खरीदे। पिछले सप्ताह अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने भारत के दौरे पर इसको लेकर काफी दबाव डाला था और द्विपक्षीय व्यापार में इसकी मंजूरी देने की मांग की थी। वह भी तब जब जेनेटिकली मोडिफाइड इन फसलों को भारत में गंभीर चिंता जताई गई है।
भारतीय बाजार को खुलवाने के लिए भारी दबाव डाल रहे
दरअसल, इस अमेरिकी दबाव के पीछे डोनाल्ड ट्रंप के एमएजीए समर्थक किसान हैं जो चुनाव में साथ देने के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति पर भारतीय बाजार को खुलवाने के लिए भारी दबाव डाल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन को भी लगता है कि भारत एक विशाल बाजार है। साथ ही मेक अमेरिका ग्रेट अगेन समर्थक किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक खरीददार देश हो सकता है। अमेरिका में इन जीएम फसलों का रेकॉर्ड उत्पादन हुआ है लेकिन अमेरिकी किसान इसे बेच नहीं पा रहे हैं। इससे जहां सोयाबीन और मक्का अमेरिका में जमा हो रहा है, वहीं अमेरिकी किसानों का वित्तीय संकट बढ़ता रहा है।
भारत अमेरिकी दबाव के आगे अड़ा
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में किसान बंपर पैदावार से परेशान हैं। चीन के साथ अमेरिका के तनाव की वजह से वैश्विक बाजार में उथल पुथल चल रहा है। यही नहीं ब्राजील जैसे देशों से अमेरिकी किसानों को प्रतिस्पर्द्धा मिल रही है। यही वजह है कि अमेरिकी व्यापार वातार्कार सोयाबीन, मक्के और अन्य फसलों के लिए भारत पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं। इस अमेरिकी दबाव पर भारत ने अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार से साफ कह दिया है कि वह सोयाबीन और मक्के के आयात को मंजूरी नहीं दे सकता है। इसकी वजह यह है कि भारत में जीएम फसलें बैन हैं। भारत ने कहा है कि जीएम फसलें उसके लिए हमेशा रेड लाइन बनी रहेंगी।
हमारी साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा
इस बीच अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने हाउस डेमोक्रेट्स कॉकेस के उपाध्यक्ष टेड ल्यू से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), रक्षा और सुरक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश तथा जनसंपर्क से से जुड़ी साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की। मुलाकात के बाद भारतीय राजनयिक क्वात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, हाउस डेमोक्रेट्स कॉकस के वाइस चेयर, रिप्रेजेंटेटिव टेड लियू के साथ अच्छी बातचीत हुई। एआई, डिफेंस और सिक्योरिटी कोआॅपरेशन, व्यापार और निवेश, और लोगों के बीच संबंधों में नए विकास पर हमारी साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा हुई। आपसी हितों के मुद्दों पर लगातार सहयोग की उम्मीद है।
भारतीय राजदूत ने अमेरिका संग दोस्ती पर दिया जोर
12 दिसंबर को क्वात्रा ने कहा कि उन्होंने भारत-अमेरिका मजबूत संबंधों की दृढ़ समर्थक और ब्लैक कॉकेस की अध्यक्ष यवेट क्लार्क के साथ उपयोगी बैठक की। उन्होंने एआई क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने, जिसमें डाटा गोपनीयता और डाटा सुरक्षा शामिल हैं पर उनके दृष्टिकोण की सराहना की। विनय क्वात्रा ने बताया कि उन्होंने भारत के एआई लक्ष्य और एआई इम्पैक्ट समिट में उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ एक दिलचस्प बातचीत की और अमेरिकी उद्योग को भारत की एआई जर्नी में अहम साझेदार बनने के लिए आमंत्रित किया। इस समिट का आयोजन अलब्राइट स्टोनब्रिज समूह की तरफ से किया गया था।

Comment List