कोर्ट के आगे झुकी ट्रंप सरकार, अमेरिका में हजारों विदेशी छात्रों को मिली राहत

कम नहीं हुई छात्रों की मुश्किलें

कोर्ट के आगे झुकी ट्रंप सरकार, अमेरिका में हजारों विदेशी छात्रों को मिली राहत

कानून से बड़ा कोई नहीं होता है, कानून सबके लिए बराबर है, आपने इस तरह की बातें अक्सर ही सुनी होंगी

वॉशिंगटन। कानून से बड़ा कोई नहीं होता है, कानून सबके लिए बराबर है, आपने इस तरह की बातें अक्सर ही सुनी होंगी। अमेरिका की अदालतों ने ऐसा करके भी दिखा दिया है और अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार को कोर्ट के आगे झुकना पड़ा है। ट्रंप सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका में पढ़ रहे हजारों छात्रों को राहत दी है। सरकार की तरफ से उनका कानूनी दर्जा (लीगल स्टेटस) फिर से बहाल किया गया है। ये फैसला कई मुकदमों और कोर्ट के आदेशों के बाद लिया गया है। सरकार ने हाल ही में फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान छात्रों का कानूनी दर्जा बहाल करने की जानकारी दी। यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम एंफोर्समेंट का ये बदला रुख ऐसे समय पर देखने को मिला है, जब हफ्तों से छात्रों के बीच अनिश्चिता का माहौल था। सरकार ने इस दौरान 1500 से ज्यादा स्टूडेंट वीजा रद्द किए। भारतीय छात्रों के भी वीजा रद्द किए गए थे। फिलहाल आईसीई के इस कदम से छात्रों को कुछ राहत जरूर मिली है। अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद छात्रों पर कड़ी कार्रवाई हुई है।

अदालत को क्या बताया?
जस्टिस डिपार्टमेंट के वकील जोसेफ एफ. कैरिल्ली ने अदालत को बताया कि कउए छात्रों के रिकॉर्ड की जांच के लिए एक नया तरीका तैयार कर रहा है। जब तक ये तरीका बन रहा है, तब तक स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इंफोर्मेशन सिस्टम से हटाए गए रिकॉर्ड को वापस लाया जाएगा। इससे छात्रों को देश में रहने का कानूनी अधिकार फिर से मिल जाएगा। 

कम नहीं हुई छात्रों की मुश्किलें
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के एक बड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, जिन छात्रों का कानूनी दर्जा बहाल किया गया है, उसे बाद में फिर से रद्द किया जा सकता है। इसका मतलब है कि छात्रों के ऊपर अभी भी तलवार लटकी हुई है। फिलहाल सरकार की तरफ से ये घोषणा कानूनी दबाव के चलते हुई है। कई विदेशी छात्रों ने मुकदमे दायर किए थे। उनका कहना था कि बिना किसी वजह के उनका दर्जा छीन लिया गया। कुछ छात्रों ने बताया कि उन पर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने जैसे छोटे-मोटे आरोप थे। वहीं, कुछ छात्रों का कहना था कि उन्हें कोई वजह ही नहीं बताई गई थी। इन मामलों के बाद कोर्ट ने आईसीई की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। डिपार्टमेंट आॅफ होमलैंड सिक्योरिटी की प्रवक्ता, ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, हमने एक भी वीजा रद्द नहीं किया है। हमने सिर्फ उन लोगों के लिए एसईवीआईएस एक्सेस बहाल किया है, जिनका वीजा रद्द नहीं हुआ था। मतलब, जिनका वीजा रद्द हो गया है, उनके लिए अभी भी कोई राहत नहीं है।

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