फिनलैंड ने किया नाटो की सदस्यता का आवेदन, मास्को और उनके देश के संबंधों में कोई बदलाव नहीं
पेल्टारी ने द फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में कहा कि सब कुछ शांत है और उम्मीद है कि यह शांति बनी रहेगी।
फिनलैंड की सुरक्षा खुफ़यिा सेवा (सुपो) के निदेशक एंट्टी पेल्टारी ने कहा है कि फिनलैंड के नाटो सदस्यता आवेदन जमा करने के बाद से मास्को और उनके देश के संबंधों में कोई बदलाव नहीं आया है।
हेलसिंकी। फिनलैंड की सुरक्षा खुफ़यिा सेवा (सुपो) के निदेशक एंट्टी पेल्टारी ने कहा है कि फिनलैंड के नाटो सदस्यता आवेदन जमा करने के बाद से मास्को और उनके देश के संबंधों में कोई बदलाव नहीं आया है। पेल्टारी ने द फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में कहा कि सब कुछ शांत है और उम्मीद है कि यह शांति बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि सबसे सकारात्मक बात यह है कि आवेदन करने के बाद से कुछ नहीं हुआ। उससे भी ज्यादा सकारात्मक चीज यह है कि हम तैयार है और अपने समाज की रक्षा करने में सक्षम है। खुफिया प्रमुख ने कहा कि हेलसिंकी ने यूक्रेन और रूस के संघर्ष के दौरान काफी सतर्कता बरती है।
स्वीडन और फिनलैंड ने 18 मई को नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग के समक्ष सदस्याता के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। इघर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने नाटो की सदस्यता के लिए स्वीडन और फ़निलैंड को समर्थन देने की एवज में कुछ शर्ते रखी है। इनमे अंकारा द्वारा प्रतिबंधित उन संगठनों जिनको तुर्की अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है, को वित्तीय और राजनीतिक समर्थन रोकने की मांग की गयी है। हालांकि इस मसले को लेकर हेलसिंकी, स्टाकहोम और अंकारा के बीच बातचीत शुरू हुयी है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला।
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