NCR को मिलेगी 8 हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की सौगात

दिल्ली से अलवर की दूरी 104 मिनट में होगी तय

NCR को मिलेगी 8 हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की सौगात

देश में मैट्रो ट्रेन की तरह की दिल्ली राष्टÑीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को आपस में ‘हाई स्पीड रेल कॉरिडोर’ के जरिए जोड़ने के लिए एक विशेष परियोजना की रूपरेखा तैयार की गई है। इसमें राजस्थान का भी कुछ भाग शामिल है। इसे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) नाम दिया गया है।

 
अजमेर। देश में मैट्रो ट्रेन की तरह की दिल्ली राष्टÑीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को आपस में ‘हाई स्पीड रेल कॉरिडोर’ के जरिए जोड़ने के लिए एक विशेष परियोजना की रूपरेखा तैयार की गई है। इसमें राजस्थान का भी कुछ भाग शामिल है। इसे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) नाम दिया गया है। यह परियोजना डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर से अलग है। योजना आयोग ने इस परियोजना को तैयार करने के लिए शहरी विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया था। टास्क फोर्स ने 8 रेल कॉरिडोर बनाने की आवश्यकता जताई है। इनमें तीन कॉरिडोर प्रथम चरण में तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इसमें दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर को शामिल किया गया है।


आरआरटीएस के तहत तैयार किए जाने वाले कॉरिडोर


दिल्ली-गुड़गांव-रेवाड़ी-अलवर
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
दिल्ली-सोनीपत-पानीपत
दिल्ली-फरीदाबाद-बल्लभगढ़-पलवल
दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक
दिल्ली-शाहदरा-बड़ौती
गाजियाबाद-खुर्जा
गाजियाबाद-हापुड़

क्या है आरआरटीएस: आरआरटीएस एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने वाली एक नई समर्पित, उच्च गति, उच्च क्षमता, आरामदायक रेल सेवा है। यह मैट्रो से 3 गुना तेज रेल सेवा होगी।
हमारे हिस्से आया दिल्ली-अलवर कॉरिडोर: दिल्ली-अलवर को जोड़ने के लिए 164 किलोमीटर लम्बा सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बिछाया जाएगा। इससे राजस्थान के विकास को भी गति मिलेगी।
इस रेलवे ट्रैक पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम गति और 105 किलोमीटर प्रतिघंटा की औसत स्पीड से हाई स्पीड ट्रेन दौडेÞंगी। यह ट्रेन दिल्ली और अलवर के बीच की दूरी 104 मिनट में तय करेगी। इस परियोजना पर 37,000 करोड़ की संभावित लागत आएगी।

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