भारतीय चिंतन कभी नहीं रहा आत्मकेंद्रित : जोशी
शांति के साथ चलने और रहने का संदेश देने वाला रहा है
जोशी भारत विकास परिषद उत्तर-पूर्व प्रांत की ओर से आयोजित प्रबुद्ध एवं संभ्रांत जन संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी ने कहा कि भारतीय चिंतन कभी आत्मकेंद्रित नहीं रहा, बल्कि सर्व कल्याण का रहा है। शांति के साथ चलने और रहने का संदेश देने वाला रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषी, ऋषि, सन्यासी और विद्वान जहां भी गए ज्ञान लेकर गए है। भारत का इतिहास रहा है कि भारत में कभी किसी के साथ अन्याय नहीं किया है। जोशी भारत विकास परिषद उत्तर-पूर्व प्रांत की ओर से आयोजित प्रबुद्ध एवं संभ्रांत जन संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत को जानने की आवश्यकता है। भारत के बनने और भारत को बनाने में बड़ी चुनौती है, क्योंकि भारत को भारतीय दृष्टि से जानने वाले कम है। भारत को बनाने की आवश्यकता है।
भारत में कई आक्रांता आए, लेकिन भारत को समाप्त नहीं कर पाए। अंग्रेजों को थोड़ी मात्रा में सफलता मिली और अंग्रेजी आक्रमण से प्रभावित हुए है। यही कारण है कि कई शिक्षित लोग भी भ्रमित हो जाते है। स्वतंत्रता के बाद भी मानसिक गुलामी से बाहर नहीं आये है। इसके लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। भारत की श्रेष्ठ बातों का समाज में पर्कोलेशन होना चाहिए। भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन ने भारत विकास परिषद के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत विकास परिषद कई सेवा कार्य चला रहा है। वंचित वर्ग के लिए स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए कोटा और फरीदाबाद में आधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल संचालित किए जा रहे है।
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