बांग्लादेश में 2 दिनों तक जलते रहे हिंदुओं के घर, दुनिया ने साधी चुप्पी

मंदिर भी तोड़ा, मोदी से लगाई गुहार

बांग्लादेश में 2 दिनों तक जलते रहे हिंदुओं के घर, दुनिया ने साधी चुप्पी

कट्टरपंथी जब घर को आग लगा रहे थे तब दिपाली (62) पास के एक अन्य घर में अपने बेटे के साथ बेड के नीचे छिपी हुई थीं। उन्होंने कहा कि वे जहां हम छिपे हुए थे वहां इसलिए नहीं पहुंच सके क्योंकि वह बंद था। इसके बाद उन्होंने हमारे घर के पास बने मंदिर पर हमला कर दिया और मूर्ति को तोड़ दी।

ढाका। बांग्लादेश में एक बार फिर से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों के साथ अत्याचार की सारी हदें पार कर दी गईं। नरैल जिले में लोहागारा उपजिला में कट्टरपंथियों की भीड़ ने फेसबुक पर कथित रूप से पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ टिप्पणी करने पर हिंदुओं के 70 घरों और दुकानों को पहले जमकर लूटा और फिर उन्हें जला दिया। उन्मादियों की यह भीड़ यहीं पर नहीं रुकी और उसने एक मंदिर को भी तोड़फोड़ करके बर्बाद कर दिया। इनका आरोप था कि आकाश नाम के शख्स ने पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी की है जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। लोहागढ़ पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर नारन चंद्र पाल का कहना है कि इस घटना से पूरे इलाके में भारी तनाव है। इस इलाके में सक्रिय इस्कॉन समूह का कहना है कि कुल 200 लोगों को बुरी तरह से पीटा गया है। घरों को इस तरह से जलाया गया कि वे दो दिन तक जलते रहे। इस हिंसा की शिकार दिपाली रानी साहा कहती हैं कि वह उस क्षण को नहीं भूल सकती हैं जब शुक्रवार की रात को उन्होंने अपने ही घर को जलते हुए देखा। वह बताती हैं कि कट्टरपंथियों के एक गुट के उनका घर लूटने के बाद दूसरा गुट आया और उसने पाया कि दरवाजा खुला हुआ है। चूंकि वहां पर लूटने के लिए कुछ नहीं बचा था, उन्होंने हमारे घर को ही आग लगा दी।


संयुक्त राष्ट्र से मदद की गुहार
कोलकाता में इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमन दास कहते हैं कि हिंदुओं के 70 घरों को जला दिया गया और दुनिया ने चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के हिंदू अपना धर्म परिवर्तन नहीं करेंगे और न ही वहां से भागेंगे। वे पहले भी इस तरह के कट्टरपंथियों के हमले के आगे डटे रहे हैं। दास ने बताया कि जब यह हमला हुआ उस समय घटनास्थल पर पुलिस मौजूद थी लेकिन वह मूकदर्शक बनी रही। पुलिस पर कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने पीएम मोदी और संयुक्त राष्ट्र से मदद की गुहार लगाई है।

भीड़ ने पड़ोस के हिंदुओं के घरों पर हमले करना शुरू कर दिया
कट्टरपंथी जब घर को आग लगा रहे थे तब दिपाली (62) पास के एक अन्य घर में अपने बेटे के साथ बेड के नीचे छिपी हुई थीं। उन्होंने कहा कि वे जहां हम छिपे हुए थे वहां इसलिए नहीं पहुंच सके क्योंकि वह बंद था। इसके बाद उन्होंने हमारे घर के पास बने मंदिर पर हमला कर दिया और मूर्ति को तोड़ दी। कट्टरपंथी जुमा की अजान के बाद आरोपी छात्र के घर पहुंचे और उसकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे। आकाश घर में नहीं था। इसके बाद भीड़ ने पड़ोस के हिंदुओं के घरों पर हमले करना शुरू कर दिया। इन लोगों का पैगंबर पर फेसबुक पोस्ट से कोई लेना देना नहीं था। शाम को पुलिस ने आकाश के पिता अशोक साहा को हिरासत में ले लिया ताकि हालात को काबू में लाया जा सके। बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक अभी तक पुलिस ने इन घरों को जलाने वाले किसी भी कट्टरपंथी को अरेस्ट नहीं किया है। इस हमले का शिकार दिपाली कहती हैं, केवल इसलिए कि छात्र हिंदू था और मैं भी हिंदू हूं, मेरे घर को जला दिया गया। मैं नहीं जानती हूं कि हिंसा का यह खतरा कब तक बना रहेगा और हमारा पीछा करता रहेगा। हमें कौन न्याय देगा? हमें कौन सुरक्षा देगा? अब मेरे शरीर पर बस यही एक साड़ी बची है, बाकी सब जल गया।

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