नवज्योति की खबर पर मोहर : 21 को हत्या, नवज्योति ने 23 सितंबर को ही दे दी थी जानकारी, जीपीएस सिस्टम से की रैकी : वारदात के लिए चार दिन पहले खरीदी थी नई स्कूटी

नवज्योति की खबर पर मोहर : 21 को हत्या, नवज्योति ने 23 सितंबर को ही दे दी थी जानकारी, जीपीएस सिस्टम से की रैकी : वारदात के लिए चार दिन पहले खरीदी थी नई स्कूटी

अजय यादव हत्याकाण्ड : दो मुख्य शूटर गिरफ्तार, एक कर चुका खुदकुशी

जयपुर। बनीपार्क थाना पुलिस ने 21 सितबंर को दिनदहाड़े सूतमिल फाटक बनीपार्क में चाय की थड़ी पर चार हथियारों से लैस होकर आए बदमाशों की ओर से फायरिंग करने के बाद पत्थर सिर कुचलकर अजय यादव की हत्या करने के मामले में शुक्रवार को दो शूटर और गिरफ्तार कर लिए है। मुख्य शूटर आशीष शेखावत उर्फ अक्षय सिंह (28) ड्योढ़ी फुलेरा जयपुर हाल किराएदार खातीपुरा रोड झोटवाड़ा और वीरेन्द्र चौधरी उर्फ लच्छूराम चैनपुरा बड़ा सिद्धमुख चूरू हाल हस्तिनापुरा कॉलोनी महाराणा प्रताप मार्ग  पांच्यावाला करणी विहार को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा एक शूटर मुकेश यादव ने चौमूं थाना इलाके में गुरुवार दोपहर को आत्महत्या कर ली थी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रथम अजयपाल लांबा ने बताया कि मामले में पुलिस ने जयराज सिंह, प्रवीण कुमार, जयसिंह यादव और टिल्लू को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। हत्या में चार शूटर मुकेश यादव, वीरेन्द्र चौधरी उर्फ बिल्लू, आशीष शेखावत उर्फ अक्षय सिंह और एक अज्ञात था।

नवज्योति की खबर पर मोहर
21 सितबंर को अजय यादव की हत्या हुई और 23 सितबंर को दैनिक नवज्योति ने अजय की गाड़ी में जीपीएस लगाने का खुलासा किया था। पुलिस ने भी इस पर मोहर लगा दी है। वीरेन्द्र उर्फ बिल्लू ने अमेजन कंपनी से अगस्त माह में जीपीएस ऑनलाइन खरीदा था। जीपीएस को अपने खुद के मोबाइल नबंर पर एप डाउनलोड कर अजय के नाम से एक्टिवेट करवाया तथा ट्रैकर को साथ रखकर उसकी क्यूरेसी को चैक किया। बिल्लू ने अपने दोस्त चौथे शूटर बलजिंदर सिंह और अक्षय को अजय का घर दिखाया और उन्हें जीपीएस ट्रैकर देकर उसकी गाड़ी पर लगाने का जिम्मा सौंपा। जब यह तीन दिन ट्रैकर नहीं लगा पाए तो बिल्लू और बलजिंदर ने नई योजना बनाई और आशीष और बिलजिदंर ने 16 सितबंर की रात को अजय के घर के सामने स्थित एक होटल में ऐसा कमरा किराए पर लिया जहां से अजय का घर साफ दिखे। 17 सितबंर की रात को तीन बजे दोनों ने मिलकर अजय की गाड़ी के नीचे जीपीएस लगा दिया। जीपीएस ट्रैकर एक बार चार्ज करने के बाद 20 से 30 दिन तक लगातार चलता है। इससे लगातार बिल्लू के मोबाइल पर अजय की लोकेशन मिल रही थी। वह हर रोज अजय की गाड़ी का पीछा कर रहे थे, लेकिन अजय के साथ उसके साथी और परिवारजन होने के कारण वह उसकी हत्या नहीं कर पाए।  


ऐसे की थी रैकी
एडीसीपी रामसिंह ने बताया कि अजय का घर रेलवे स्टेशन के पास बड़ोदिया बस्ती में भीड़भाड़ वाली जगह पर है। बिल्लू ने चार सितम्बर को अपने दोस्त बलजिन्दर सिंह बाबा और 13 सितबंर को आशीष शेखावत उर्फ अक्षय सिंह  को मुम्बई से बुला लिया। हत्या में शामिल दोनों स्कूटी बिल्लू की थी। वारदात के लिए तीन पिस्टल और दो देशी कट्टे बिल्लू और मुकेश यादव ने उपलब्ध करवाए थे। मुकेश के जीजा राजेन्द्र को रैकी का काम सौंपा गया, लेकिन परफेक्ट रैकी करने के लिए बिल्लू चौधरी ने अगस्त माह में जीपीएस ट्रैकर खरीदा।
 

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