भारतीय महिलाओं ने रचा इतिहास, ओपन सेक्शन में पुरुषों ने भी जीता कांस्य पदक
महिला वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त किया
कोनेरू हम्पी, आर. वैशाली, तानिया सचदेव और भक्ति कुलकर्णी से सजी भारत-ए टीम ने फाइनल राउंड के मैच में अमेरिका से मिली 1-3 की हार के बाद महिला वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त किया।
तमिलनाडु। भारतीय महिला टीम ने यहां आयोजित 44वें शतरंज ओलंपियाड में देश के लिए पहला पदक जीतकर इतिहास रच दिया। पुरुषों ने भी तमिलनाडु के मामल्लापुरम में हुई इस प्रतिष्ठित वैश्विक प्रतियोगिता में अपना अब तक का दूसरा कांस्य पदक जीता। कोनेरू हम्पी, आर. वैशाली, तानिया सचदेव और भक्ति कुलकर्णी से सजी भारत-ए टीम ने फाइनल राउंड के मैच में अमेरिका से मिली 1-3 की हार के बाद महिला वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त किया। इस मुकाबले में एक भी भारतीय खिलाड़ी को जीत नहीं मिली। हम्पी और वैशाली ने जहां अपने मैच ड्रॉ किए वहीं तानिया सचदेव और भक्ति कुलकर्णी को हार का सामना करना पड़ा। भारत-ए टीम के कोच अभिजीत कुंटे ने टीम की प्रशंसा करते हुए कहा, टीम ने पिछले तीन या चार महीनों में वास्तव में कड़ी मेहनत की है और यह ओलंपियाड के इतिहास में भारत का पहला पदक है। इसे एक शुरुआत मानी जानी चाहिए।
वहीं, ओपन वर्ग में पूरे आयोजन में अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित करने वाली युवा भारत-बी टीम ने जर्मनी को 3-1 से हराकर देश को दूसरा कांस्य पदक दिलाया। इंडिया-बी में डी. गुकेश शुरुआत से आगे थे। उन्होंने 9/11 का शानदार स्कोर बनाया। भारत ने इससे पहले 2014 में ओपन सेक्शन में कांस्य पदक जीता था। अब उसके खाते में दूसरा पदक आया है। टीम इवेंट््स में पदकों के अलावा व्यक्तिगत प्रदर्शनों के आधार पर भी भारतीय खिलाड़ियों ने कई पदक जीते।
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