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भारत की सीमा में चीन की सेना शेल्टर बनाकर देश की अखंडता को दे रही है चुनौती : कांग्रेस
मोदी इस मुद्दे पर मौन है
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि चीन की सेना ने सीमा पर डेपसांग और डेमचौक में स्थाई सेंटर बना दिए है, लेकिन सरकार उसे खदेड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि चीन की सेना भारत की सीमा में घुसकर स्थाई शेल्टर बनाकर देश की अखंडता को चुनौती दे रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर मौन है और यह चिंताजनक है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि चीन की सेना ने सीमा पर डेपसांग और डेमचौक में स्थाई सेंटर बना दिए है, लेकिन सरकार उसे खदेड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। उनका कहना था कि उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में 200 स्थायी शेल्टर लगाए हैं और ये सभी शेल्टर एलएसी में 15-18 किलोमीटर अंदर बनें हैं। चीन की इस घुसपैठ को लेकर जो सैटेलायट तस्वीरें सामने आई हैं उसमें साफ दिख रहा है कि उसने सीमा पर पुल, रेडोम, माइक्रोवेव टावर इत्यादि स्थापित कर दिए हैं।
डेपसांग का इलाका महत्वपूर्ण है और यहीं से सियाचीन में तैनात सैनिकों के आवश्यक सामग्री की आपूर्ति होती है और यहीं से टैंक आते जाते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि चीन की घुसपैठ को लेकर मोदी सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। उत्तरी लद्दाख के डेपसांग इलाके में चीन की घुसपैठ बरकरार है और वह हमारी भूमि पर 200 शेल्टर बना चुका है और चीन डेपसांग में पीछे हटने को तैयार नहीं है। चीन अपनी घुसपैठ और अतिक्रमण को इस इलाके में स्थायी बनाने की फिराक में है। यह हमारी भूमि है और उसकी मौजूदगी, हमारी भूभागीय अखंडता के लिए बड़ा खतरा है। ये शल्टर सैनिकों को सर्दी से बचाने के लिए बनाए जाते हैं और ऐसे ही शेल्टर सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना लगाती रही है, इससे सैनिक ठण्ड में आराम से एक स्थान पर बने रह सकते है, क्योंकि इन शेल्टर का तापमान नियंत्रित किया जा सकता है।
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