नेहरू ने किए वंदे मातरम् के दो टुकड़े...,जानिए संसद में और क्या बोले अमित शाह?
संसद में “वंदे मातरम्” पर तीखी बहस
संसद के शीतकालीन सत्र में “वंदे मातरम्” पर दूसरे दिन बहस की शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह ने की। उन्होंने कांग्रेस पर वंदे मातरम् के विरोध का आरोप लगाया और कहा कि यह गीत देशभक्ति की भावना जगाने का प्रतीक रहा है।
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में वंदे मारतम् पर बहस को लेकर आज दूसरा दिन है और आज इसकी शुरूआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। बीते दिन वंदे मातरम् पर बहस पीएम मोदी ने की थी, जिसके बाद में सियासी संग्राम छिड़ गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में वंदे मातरम को लेकर कहा कि, वंदे मातरम का विरोध कांग्रेसियों के खून में ही है, क्योंकि नेहर के नेतृत्वी वाली कांग्रेस ने उस समय भी वंदे मातरम का विरोध किया था और आज भी इसके विरोध में लगी हुई है।
गुलामी से आजादी पाने के लिए वंदे मातरम ने ही देशवासियों के मन में आजादी की अलख जगाई और देशभक्ति का जुनून पैदा किया। जब वंदे मारतम 50 साल का था तो भी बंदी था और जब 100 साल का हुआ तब बंदी था और आज जब 150 साल का हुआ तब भी उसका विरोध हो रहा है। तब इसका विरोध नेहरू ने किया था और आज भी इसका विरोध कांग्रेस कर रही है।
इसके आगे अमित शाह ने कहा, वंदे मातरम पर चर्चा की जरूरत उस समय आजादी के आंदोलन के समय भी थी और आज भी है और शायद साल 2047 में भी रहेगी। इसके आगे राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मुद्दों पर चर्चा करने से कोई नहीं डरता है। हम संसद का बहिष्कार नहीं करते हैं, कोई भी मुद्दा हो हम चर्चा करने के लिए तैयार है लेकिन वंदे मातरम् गान की चर्चा को टालने की मानसिकता, यह नई नहीं है, जब वंदे मातरम के 50 साल पूरे हुए थे, तब भारत आज़ाद नहीं था।
जब वंदे मातरम की स्वर्ण जयंती हुई, तब जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम के 2 टुकड़े करके उसको 2 अंत्रों तक सीमित करने का काम किया था। इसके आगे गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, वंदे मातरम् के गौरव गान से हमारे बच्चे, किशोर, युवा और आने वाली कई पीढ़ियां वंदे मातरम् के महत्व को भी समझेगी और उसको राष्ट्र के पुनर्निर्माण का एक प्रकार से आधार भी बनाएगी।

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