कोटा दक्षिण वार्ड 54- चमचमाती सड़कों को खोदकर बना दिए ऊबड़-खाबड़ रास्ते
अतिक्रमण और घरों के बाहर बहने वाले पानी से लोग परेशान, दक्षिण निगम के वार्ड 54 का गंदा नाला बन सकता है बीमारियों का वाहक
वार्ड में बिल्कुल भी सफाई व्यवस्था नहीं है। उधड़ी और बिना योजना के बनाई गई सड़कों के कारण वाहनों को चलाने में काफी परेशानी होती है। कई स्थानों पर बिना पैमाने के स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं जो कुछ मौकों पर दुर्घटना का कारण भी बन चुके हैं।
कोटा। सीवरेज की जिस समस्या को मिटाने के खातिर वार्ड की चमचमाती सड़कों को खोदा गया वो समस्या तो नहीं मिटी लेकिन वार्ड की सड़कें जरूर उबड़ खाबड़ हो गई। यह कहना है कोटा नगर निगम दक्षिण के वार्ड नम्बर 54 के कुछ लोगों का। वार्ड के कई स्थानों की नालियों को देखने के बाद ऐसे लगता है जैसे इनकी सफाई महीने-दो महीने में ही होती होगी। सड़कों की हालात ऐसी है जैसे बिना किसी योजना या मापदन्ड के बनाया गया है। नगर निगम दक्षिण के वार्ड नम्बर 54 में आई.एल. कॉलोनी, रेजीडेंसी, राजीव गांधी नगर, महावीर नगर प्रथम तथा पत्रकार कॉलोनी आदि इलाकें आते हैं। कोचिंग संस्थान और हॉस्टल होने के कारण इनमें से कुछ स्थान पॉश भी माने जाते हैं लेकिन इनमें से कुछ स्थानों पर लोगों के किए अतिक्रमण, सड़कों पर बने गड्ढेंÞ, घरों के सामने बह रहा गंदा पानी और कचरे के ढ़ेर ये दर्शा रहे हैं कि निगम प्रशासन का इन क्षेत्रों की ओर कितना ध्यान है। वार्ड में रहने वाले कुछ लोगों की माने तो वार्ड पार्षद ने वार्ड के कुछ स्थानों पर तो एकदम बढ़िया काम करवाया है लेकिन कई स्थानों की उन्होंने अनदेखी की है। मसलन वार्ड में स्थित पार्क के हालात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया है। कोचिंग सस्थानों और हॉस्टल के बीच बना वो नाला जिसमें आवारा जानवर, श्वान आदि डेरा जमाए रहते हैं। कचरे के ढ़ेर और कीचड़ से ये नाला अधिकांशत: भरा रहता है। इस मार्ग पर दिनभर लोगों का आवागमन रहता हैं। बीमारियां फैलने की आशंका हमेशा बनी रहती है।
वार्डवासी बताते हैं कि वार्ड में बिल्कुल भी सफाई व्यवस्था नहीं है। उधड़ी और बिना योजना के बनाई गई सड़कों के कारण वाहनों को चलाने में काफी परेशानी होती है। कई स्थानों पर बिना पैमाने के स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं जो कुछ मौकों पर दुर्घटना का कारण भी बन चुके हैं। कुछ स्थानों पर सीसी सड़क बनवाई गई है, जहां सड़कों पर पानी भरता था वहां का लेवल सही करवा दिया गया है लेकिन जो उम्मीद पार्षद से थी वो उनको पूरा नहीं कर पाए है। वार्ड पार्षद का इस बारे में कहना है कि पहले के रोड क्षतिग्रस्त हो चुके थे उनको सही करवा चुका हंू। नाले को लेकर यूआईटी को कहा हुआ है। निगम में लिखित में दे चुका हंू। वार्ड में सीसी सड़कें बनी हैं। निगम की ओर से वार्ड में जहां तक संभव है विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। किसी के काम के लिए मनाही नहीं है।
इनका कहना है...
वार्ड में निगम की ओर से 1 करोड़ रूपये के कार्य करवाये जा रहे हैं। यूआईटी ओर से राजीव गांधी नगर सड़कें बनवाई गई हैं। वार्ड के एक सरकारी विद्यालय परिसर में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में व्यवस्थाओं को लेकर भी प्रयासरत हंू। वार्ड में 25 पार्क हैं, जिनका मरम्मत कार्य करवाया गया हैं।
-योगेन्द्र शर्मा, वार्ड पार्षद।
सीवरेज के कारण सड़कों को खोद दिया गया। अब आधा अधूरा काम करके छोड़ा हुआ है। गर्मियों में पीने के पानी की बहुत समस्या रहती है। दिनभर वार्ड में आवारा मवेशी और श्वान घूमते रहते हैं। सीवरेज लाइन के नाम पर सड़क पर ढक्कन तो नजर आ रहे हैं लेकिन चालू ही नही हुई।
-कुन्दन मालव, वार्डवासी।
सफाई ढंग से नहीं हो रही है। रात में बच्चें शोर करते रहते हैं, अब ये पता ही नहीं पड़ता कि ये कोचिंग के छात्र हैं या असामाजिक तत्व। नालियां जाम हुई रहती हैं। पार्कों का कोई विकास नहीं हुआ है। पहले की सड़कों को खोदकर जाने कैसी सड़कें बना दी।
-भूपेन्द्र जैन, वार्डवासी।
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