
वार्ड 42: समस्या से मिला छुटकारा लेकिन आज भी कई जगह परेशानी बरकरार
लोगों ने कहा ठीक काम करवा रहे हैं पार्षद, नगर निगम दक्षिण के वार्ड 42 में भी आवारा मवेशियों और श्वानों की भरमार
वार्ड में आवारा मवेशियों की बहुत समस्या है। गलियों में आवारा मवेशी और श्वान झुंड के रूप में नजर आते हैं। कई बार लोग चोटिल भी होते हैं।
कोटा। निगम में बोर्ड कांग्रेस का हो तो वार्ड में काम होना लाजमी है लेकिन कोटा नगर निगम दक्षिण के वार्ड नम्बर 42 में एक ऐसा काम भी हुआ है जो बीते 40 सालों में ना कांग्रेस ना भाजपा के बोर्ड में हुआ। वार्ड के लोगों की माने तो पार्षद ने वार्ड के लगभग हर क्षेत्र में पानी की पाइपलाइन डलवाकर उनकों सालों से चली आ रही पानी की समस्या से निजात दिलवाई है। हालांकि वार्ड के कुछ हिस्सों में आज भी कई समस्याएं है जिनसे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अधिकांश वार्डवासी पार्षद के कार्यकाल से सन्तुष्ट हैं। नगर निगम दक्षिण के इस वार्ड में करीब 5 हजार से मतदाता हैं। जो राजपूत कॉलोनी, गर्ल्स स्कूल के पीछे वाला भाग, वीर हनुमान मन्दिर, गोले वाली मस्जिद तथा शिव आश्रम आदि इलाकों में रहते हैं। इन इलाकों के लोगों का कहना है कि वार्ड में कई ऐसे कार्य हुए हैं जो बीते काफी समय से अटके पड़े थे। मसलन सार्वजनिक शौचालय, सीवरेज की लाइन तथा लोगों के किए अतिक्रमण आदि। लोगों का कहना है कि वार्ड पार्षद कई घन्टे वार्ड में बिताते है और सभी की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करते है। अब कुछ कार्यों में समय लगता भी हैं, कुछ कार्य नहीं भी हो पाते लेकिन पार्षद अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते है।
वार्डवासियों का कहना है कि पहले वार्ड के अधिकांश हिस्से की सड़कें खुदी पड़ी थी, डामर रोड बनाये जाते थे जो सालभर में उखड़ जाते थे लेकिन अब सीसी सड़क बनाई गई है। नई पाइप लाइन डल गई है लेकिन वार्ड में आवारा मवेशियों की बहुत समस्या है। गलियों में आवारा मवेशी और श्वान झुंड के रूप में नजर आते हैं। कई बार लोग चोटिल भी होते हैं। निगम वाले ले भी जाते हैं लेकिन वापस घूम फिरकर नजर यहीं आ जाते हैं। हमारा वार्ड ही नहीं पूरा शहर आवारा मवेशियों और श्वानों की समस्या से ग्रस्त है। रोड लाइट की समस्या का काफी हद तक समाधान हो चुका है। वहीं वार्ड के कुछ लोग ये भी कहते है कि उनके यहां आज भी पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। रोड टूटे हुए हैं। नहर किनारे जो मकान बने हुए वहां गंदगी बनी रहती है। निगम में बोर्ड कांग्रेस का होने के बाद भी पार्षद वार्ड की न तो सड़कें ठीक हुई है ना सफाई व्यवस्था में कोई सुधार हुआ है। निगम में बोर्ड भी कांग्रेस का और वार्ड के पार्षद भी कांग्रेस के लेकिन इसके बावजूद भी वार्ड में ना तो सड़कें ठीक हुई और बन पाई। ना नालियों के हालात सुधरे और ना सफाई व्यवस्था में कोई सुधार आया है। हर तरफ जानवर नजर आते हैं।
वार्ड पार्षद का कहना है कि वार्ड में बनी सीसी सड़कें, सीवरेज लाइन, पीने के पानी की पाइप लाइन, प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी, और रोड लाइट आदि कार्य करवाएं है। वार्ड के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुछ कार्य ऐेसे हैं जिनका विधायक कोष से ही होना संभव है लेकिन उनको अवगत कराने के बाद भी वार्ड को कुछ नहीं मिला। वार्ड में कई स्थानों से अतिक्रमण हटवाएं है। कुछ स्थानों पर पीने के पानी की समस्या है जिसे भी जल्द सुलझा दिया जाएगा। किसी भी दल का समर्थन करने वाला नागरिक हो सबके लिए हरदम तैयार रहता हूं।
इनका कहना
वार्ड में 40 साल बाद पीने के पानी की पाइप लाइन डलवाई है। चुनाव के दौरान भी सबसे बड़ा मुद्दा यहीं था। पार्षद बनने के बाद पहली प्राथमिकता ही वार्डवासियों की इस समस्या का समाधान करना थी। बीजासन माता मन्दिर वाली गली और डीपी आॅयल मिल के सामने वाली गली में पीने के पानी की समस्या का समाधान करवाना है। फिलहाल ट्यूबवेल के माध्यम ये लोगों की इस समस्या को सुलझाने का प्रयास किया है।
-ऐश्वर्य श्रृंगी, वार्ड पार्षद
कई लोगों के राशन कार्ड बंद पड़े हुए हैं। पूरे वार्डवासी आवारा मवेशियों से परेशान है। रात में घरों से बाहर निकलना मुश्किल होता है। नहर किनारे नालियों से पानी की निकासी नहीं होने के कारण जाम रहती है। लोग पीने की पानी की समस्या से परेशान हैं। रोड टूटे हुए हंै।
-रविकान्त शर्मा, वार्डवासी
स्कूल की बाउन्ड्री वॉल टूटी हुई है जिसके जल्द से जल्द ठीक करवाया जाना चाहिए। लोगों को सीवरेज की समस्या से मुक्ति मिल गई है। वार्ड में आवारा मवेशियों की भरमार थी लेकिन अब कम ही नजर आते हैं। सीसी रोड बनने से काफी राहत मिली है। काफी समय से चली आ रही पीने के पानी की समस्या से निजात मिली है।
-ओमप्रकाश बालोपिया, वार्डवासी
कई जबह सीसी रोड बने चुके हैं। पीने का पानी आने लगा है। पार्षद ठीक काम कर रहे हैं। काफी सालों बाद वार्ड में विकास कार्य नजर आए हैं। राधाकृष्ण मन्दिर को सुनियोजित तरीके से ठीक करवाया गया। यहां पर असामाजिक तत्व बैठा करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। सबसे बड़ी बात काफी सालों के बाद वार्ड में रामकथा का आयोजन हुआ है।
-शिव राव, वार्डवासी
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