कोटा आगमन पर केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलेंगे दर्जनों गांव के किसान प्रतिनिधि

केशोरायपाटन शुगर मिल के संचालन की करेंगे मांग

कोटा आगमन पर केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलेंगे दर्जनों गांव के किसान प्रतिनिधि

हाडोती का सबसे बड़ा कृषि स्टार्टअप एवं राजस्थान का एक मात्र कृषि आधारित उद्योग केशोरायपाटन शुगर मिल है। जिसके संचालन से क्षेत्र के 700 से अधिक गांव के लाखों किसान परिवार एवं युवा साथी रोजगार के माध्यम से लाभान्वित होंगे।

कोटा। दो दिवसीय कृषि स्टार्टअप महोत्सव में शामिल होने आ रहे हैं केंद्रीय कृषि मंत्री से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा और केशोरायपाटन शुगर मिल के पुन: संचालन की मांग की जाएगी। हाड़ोती नवनिर्माण परिषद के संभागीय अध्यक्ष राकेश निर्मल सेन ने बताया कि 24 से 25 जनवरी को केंद्र एवं राज्य सरकार के तत्वाधान में दो दिवसीय कृषि स्टार्टअप व कृषि महोत्सव का आयोजन कोटा में किया जा रहा है। इस आयोजन के मौके पर केशोरायपाटन शुगर मिल के पुन: संचालन करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री से किसान प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा।

शुगर मिल संचालन के लिए संघर्ष कर रहे युवा नेता गिर्राज गौतम ने कहा कि हाडोती का सबसे बड़ा कृषि स्टार्टअप एवं राजस्थान का एक मात्र कृषि आधारित उद्योग  केशोरायपाटन शुगर मिल है। जिसके संचालन से क्षेत्र के 700 से अधिक गांव के लाखों किसान परिवार एवं युवा साथी रोजगार के माध्यम से लाभान्वित होंगे। क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के इस प्रमुख उद्योग के लिए आगे आएं। यदि क्षेत्र के किसानों और युवाओं की प्रमुख मांग कृषि आधारित उद्योग के पुन: संचालन को नजरअंदाज करते हुए बाहर से कृषि स्टार्टअप के नाम पर कंपनी और लोगों को बुलाया जाता है तो उससे इस क्षेत्र  के युवा और किसानों को क्या लाभ होगा। सर्वप्रथम अपने क्षेत्र के कृषि स्टार्टअप को पुन: चालू कर इलाके के किसानों को युवाओं के भविष्य के कल्याण के बारे में सोचना चाहिए। गिर्राज गौतम ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मांग से केंद्रीय कृषि मंत्री को अवगत करवाने हेतु दर्जनों गांव के किसान प्रतिनिधि उनसे मिलेंगे। उन्हें इस महत्वपूर्ण मांग से अवगत करवाते हुए आग्रह करेंगे कि पूर्व में भी शुगर मिल को केंद्र सरकार द्वारा सन 1978 से 1984 तक कस्टोडियन के माध्यम से संचालित किया गया था ।अगर अभी राज्य सरकार इसमें रुचि नहीं दिखाती है तो केंद्र सरकार इसे पुन: अपने पास लेकर संचालित करवाएं। वर्तमान में क्षेत्र के किसानों के पास गन्ने से अधिक लाभकारी एवं फायदेमंद फसल नहीं बची है। क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी व्यापकता के साथ बढ़ेगे। 

गिर्राज गौतम ने कहा कि वर्तमान में शुगर मिल संचालन के पक्ष में संपूर्ण वातावरण है। कोटा बूंदी लोकसभा की 6 विधानसभा क्षेत्रों के लाखों किसान गन्ना लगाने को तैयार बैठा है शुगर मिल पर किसी प्रकार की देनदारी नहीं बची है। स्वयं की भूमि उपलब्ध है। पानी एवं सड़क मार्गों की सुगमता से इसका संचालन और सरल हो चुका है। साथ ही कुछ दिनों पूर्व दिल्ली से आई नेशनल शुगर फेडरेशन के विशेषज्ञों की टीम ने भी मिल संचालन के पक्ष में रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत कर दी है। अब क्षेत्र  का किसान अपने भविष्य एवं सम्मान की लड़ाई आर- पार के तरीके से लड़ने के मूड में है। इसीलिए हर बड़े जनप्रतिनिधि एवं सरकार के मुखिया को अपनी मांग को दमदारी के साथ रखेगे। कुछ दिन पूर्व भारत जोड़ो यात्रा के अंतर्गत भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से वादा किया था कि बजट सत्र से पूर्व वार्ता कर मिल संचालन के पक्ष में रास्ता निकाला जाएगा। 24 जनवरी को कृषि मंत्री से वार्ता के बाद विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने का भी निर्णय लिया जाएगा।

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