
ब्रिटिश पुलिस को माफी मांगने में लगे 34 साल
त्रासदी के बाद से ही लिवरपूल एफसी अपने प्रशंसकों के न्याय के लिए संघर्ष कर रहा था
मार्श ने कहा कि हमें खेद है पुलिस की विफलता त्रासदी का मुख्य कारण थी। रिपोर्ट में सार्वजनिक निकायों और सरकार से कार्रवाई की सिफारिश की गयी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिल्सबोरो परिवारों के दर्द और पीड़ा जैसी घटनाओं को दोहराया नहीं जा सके।
लंदन ((एजेंसी))। ब्रिटेन की पुलिस को फुटबॉल के क्षेत्र में देश की सबसे भीषण त्रासदी के लिए अपनी विफलता स्वीकार करने में 34 साल लग गये और उसने इस हादसे में मारे गये लिवरपूल फुटबॉल क्लब (एफसी) के 97 सदस्य के परिजनों से मंगलवार को माफी मांगी।
शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने स्वीकार किया कि वर्ष 1989 के हिल्सबोरो आपदा का मुख्य कारण पुलिस की विफलता थी जिसमें एफसी के 97 लोग मारे गए थे।
एक ऐतिहासिक संयुक्त बयान में, कॉलेज ऑफ पुलिङ्क्षसग और नेशनल पुलिस चीफ्स काउंसिल (एनपीसीसी) के प्रमुखों ने इस हादसे में जान गंवाने वाले के परिजनों के लिए माफीनामा जारी किया है।
रिपोर्ट की प्रस्तावना में मुख्य कांस्टेबल एंडी मार्श, पुलिसिंग कॉलेज के सीईओ और एनपीसीसी के अध्यक्ष मार्टिन हेविट ने कहा कि इस हादसे में पुरुष, महिलाएं और बच्चे समेत 97 लोग मारे गए थे। इसकी वजह पुलिस की विफलता मुख्य कारण थी।
यह घटना साल 1989 की है। लिवरपूल और नॉटिंघम फ़ॉरेस्ट के बीच एफ ए कप सेमीफ़ाइनल का मैच शुरू ही हुआ था कि भगदड़ मच गई जिसमें 97 लोग मारे गए और लगभग 800 घायल हो गए। शेफ़ील्ड के हिल्सबोरो स्टेडियम में खेल कुछ ही मिनटों के बाद रद्द कर दिया गया था।
इस त्रासदी के बाद से ही लिवरपूल एफसी अपने प्रशंसकों के न्याय के लिए संघर्ष कर रहा था।
मार्श ने कहा कि हमें खेद है पुलिस की विफलता त्रासदी का मुख्य कारण थी। रिपोर्ट में सार्वजनिक निकायों और सरकार से कार्रवाई की सिफारिश की गयी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिल्सबोरो परिवारों के दर्द और पीड़ा जैसी घटनाओं को दोहराया नहीं जा सके।
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