रेलवे ने स्क्रैप बेचकर कमाए 266 करोड़
अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है
कबाड़ निस्तारण के लिए भंडार विभाग मिशन जीरो स्क्रैप अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों, रेलखंड, डिपो, वर्कशाप, शेड और रेलवे परिसरों को कबाड़ मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
जयपुर। रेलवे प्रशासन की ओर से परिसरों में अनुपयोगी और व्यर्थ पड़े कबाड़ (स्क्रैप) के निस्तारण करने के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। कबाड़ निस्तारण के लिए भंडार विभाग मिशन जीरो स्क्रैप अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों, रेलखंड, डिपो, वर्कशाप, शेड और रेलवे परिसरों को कबाड़ मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कबाड़ (स्क्रैप) को बेचकर 266 करोड़ रुपए की आय अर्जित की है। उत्तर पश्चिम रेलवे के भंडार विभाग की ओर से स्टेशनों, रेल परिसरों, फील्ड यूनिट्स से पुराने कबाड़ को हटाने और बेचने के लिए अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है।
भंडार विभाग ने वर्ष 2022-23 में उत्तर पश्चिम रेलवे ने कबाड़ को बेचकर 266 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया, जो गत वर्ष के 244 करोड़ की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। उत्तर पश्चिम रेलवे का यह प्रदर्शन सम्पूर्ण भारतीय रेलवे में सर्वाधिक है। वर्ष 2022-23 में कबाड़ (स्क्रैप) निस्तारण से 160 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा गया था। रेलवे की ओर से स्क्रैप में अनुपयोगी रेल, रेल पथ सामग्री, अनुपयोगी वैगन, कोच और लौह स्क्रैप शामिल है। रेलवे प्रशासन की ओर से आईआरपीएस पोर्टल की ई-नीलामी के माध्यम से स्क्रैप की बिक्री से होने वाली आय का उपयोग बुनियादी ढ़ांचे के विकास में किया जा रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से रेलवे परिसरों में पड़े अनुपयोगी स्क्रैप को नीलाम किया गया है। इससे रेलवे को 266 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
- शशि किरण, सीपीआरओ
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